ताइवान को लेकर एशिया में बढ़ते तनाव के बीच चीन ने जापान को कड़ी चेतावनी दी है. चीन के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार (27 नवंबर 2025) को कहा कि अगर जापान ताइवान के मामले में दखल देता है या लाइन क्रॉस करता है, तो उसे बहुत दर्दनाक कीमत चुकानी पड़ेगी. यह बयान तब आया है जब जापान ताइवान से करीब 100 किलोमीटर दूर अपने एक द्वीप पर मिसाइलें तैनात करने की तैयारी कर रहा है.
ताइवान के पास जापानी मिसाइल तैनाती पर चीन नाराज
जापान के रक्षा मंत्री शिंजिरो कोइजुमी ने हाल ही में पुष्टि की थी कि योनागुनी द्वीप पर मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें तैनात करने की योजना आगे बढ़ रही है. यह द्वीप ताइवान के पूर्वी तट से सिर्फ 110 किलोमीटर दूर है. जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची पहले ही कह चुकी हैं कि अगर चीन ताइवान पर सैन्य हमला करता है तो जापान सैन्य प्रतिक्रिया दे सकता है, जिसके बाद से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव और बढ़ गया है.
ताइवान पर जापान को दखल का हक नहीं – चीन
जापान की इस योजना पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जियांग बिन ने कहा, ताइवान मुद्दा पूरी तरह चीन का आंतरिक मामला है. जापान का इससे कोई संबंध नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि जापान ताइवान पर अपने 1895-1945 के औपनिवेशिक शासन को भुला रहा है और इतिहास से सीख नहीं ले रहा.
जियांग ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जापान ने आधा कदम भी सीमा पार किया, तो उसे इसका दर्दनाक परिणाम भुगतना पड़ेगा. चीनी सेना किसी भी दुश्मन को रोकने की पूरी क्षमता रखती है.
ताइवान बोला- हमारी जमीन, हमारा फैसला
ताइवान सरकार ने चीन के दावों को फिर खारिज करते हुए कहा कि केवल ताइवान के लोग तय करेंगे कि उनका भविष्य क्या होगा. ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने इस हफ्ते अगले आठ वर्षों में रक्षा क्षेत्र में अतिरिक्त 40 अरब डॉलर खर्च करने की योजना की घोषणा की. चीन ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह पैसा ‘बर्बाद’ होगा और इससे ताइवान को नुकसान ही होगा.
चीन खुद खर्च बढ़ा रहा है, हमें क्यों नहीं?- ताइवान का जवाब
चीन के विरोध पर ताइवान के मेनलैंड अफेयर्स काउंसिल के प्रवक्ता लिआंग वेन-चिएह ने कहा, चीन का रक्षा बजट ताइवान से कई गुना ज्यादा है. अगर चीन शांति चाहता है तो वह इस पैसे का इस्तेमाल अपने नागरिकों की भलाई में करे. लिआंग ने यह भी कहा कि दोनों पक्षों के बीच बढ़ता तनाव सभी के लिए नुकसानदायक है. ताइवान ने आरोप लगाया है कि चीन की सेना लगभग हर दिन ताइवान के आस-पास के समुद्र और हवाई क्षेत्र में गतिविधियां कर रही है, जिसे वह दबाव बनाने और डराने की रणनीति बताता है.


