
राजेश बताते हैं कि चौंसा आम में भी छोटा चौंसा और बड़ा चौंसा की 2 वैरायटी आती हैं. इसका वजन आधा किलो तक जाता है. इस वैरायटी के फल और पत्तियों में खुशबू ज्यादा होती है.
बादाम: बादाम आम की पहचान उसकी बनावट है.इसकी बनावट बादाम की तरह होती है. यही इसकी सबसे बड़ी पहचान है. ये आम भी साइज में बड़ा होता है.
मालदा: मालदा आम की पहचान उसके वज़न से करते हैं. इस आम का वजन आधा किलो से भी ज्यादा का होता है. फल के कोने से इसको पहचान सकते हैं.
दशहरी: दशहरी आम छोटे आकार से लेकर मध्यम आकार के होते हैं. इनकी गुठली पतली होती है. यही इस आम की पहचान है. ज्यादातर लोगों क दशहरी की वैरायटी के बारे में नहीं जानते हैं. दशहरी आम की भी 3 वैरायटी होती हैं.
राजेश बताते हैं कि अभी आंधी-तूफान की वज़ह से आम फल झड़ गए हैं नहीं तो आम पेड़ फलों के गुच्छों से भर जाते हैं. अभी इनको पकने में 10 दिन और बाकी हैं. हमारे बगीचे के आम वृक्षों में फल देर से आते हैं. जैसे ही पकते हैं तोड़ना शुरू कर देंगे. छतरपुर जिले में ही आम की सप्लाई करते हैं.
राजेश आगे बताते हैं कि दक्षिण भारत में हर साल जून से अगस्त के बीच इन किस्म के आमों की कटाई की जाती है.
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