
कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेल द्वारा यात्रा करने के सपने को साकार करने के लिए चिनाब ब्रिज के निर्माण के पीछे की परियोजना टीम को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा जिनमें से एक चुनौती यह भी थी कि हिमालय की ढलानों से घिरे इस स्थान तक कैसे पहुंचा जाए।
टीम के पास केवल घोड़े और खच्चर का ही विकल्प था।
ब्रिज का निर्माण करने वाली शीर्ष अवसंरचना कंपनी एफकॉन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के अनुसार, मुख्य और शुरुआती चुनौतियों में से एक थी पुल के स्थान तक पहुंचना व उपकरण और निर्माण सामग्री को पहुंचाना।
कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा, शुरू में परियोजना टीम द्वारा स्थान तक पहुंचने के लिए खच्चरों और घोड़ों का इस्तेमाल किया गया था। धीरे-धीरे समय के साथ अस्थायी सड़कें बनाई गईं और कार्यस्थल तक पहुंच उपलब्ध कराई गई।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को प्रतिष्ठित चिनाब पुल, अंजी रेल पुल और उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना का उद्घाटन किया तथा कटरा को श्रीनगर से जोड़ने वाली वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई।
प्रवक्ता ने बताया कि अंततः नदी तट के उत्तरी किनारे पर 11 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया गया तथा दक्षिणी किनारे पर 12 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया गया।
एफकॉन्स के कार्यकारी उपाध्यक्ष कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने कहा कि चिनाब रेलवे ब्रिज महज इंजीनियरिंग का चमत्कार नहीं है।
सुब्रमण्यन ने पीटीआई- से कहा, यह भारत की सबसे कठिन चुनौतियों पर चतुराई और साहस के साथ विजय पाने के संकल्प का प्रतीक है।
कंपनी ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए दुनिया की सबसे ऊंची क्रॉसबार केबल क्रेन और विशेष भारी मशीनरी का उपयोग किया।
(PTI NEWS)
Highlights from a memorable visit to Jammu and Kashmir. The Chenab Rail Bridge and Anji Bridge are transformative projects! pic.twitter.com/rfTtxYvo98
— Narendra Modi (@narendramodi) June 7, 2025
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