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साल 2025 का आखिरी चंद्रग्रहण रविवार और सोमवार की दरमियानी रात लगा। यह रात 9:56 बजे शुरू हुआ, जो 3 घंटे 28 मिनट तक चला।
रात 11 बजे से 12:23 बजे तक 82 मिनट पूर्ण चंद्रग्रहण यानी ब्लड मून रहा। इस दौरान चांद लाल-नारंगी रंग का दिखाई दिया। आगे 25 फोटोज में देखिए देश-विदेश में चंद्रग्रहण…
पहले देशभर से चंद्रग्रहण की फोटोज
दिल्ली से…

राजधानी दिल्ली में रविवार को रात 8 बजे तक फुल मून दिखाई दे रहा था।

रात करीब 10 बजे से ग्रहण लगना शुरू हुआ। चंद्रमा का कुछ ही हिस्सा दिख रहा था।

ब्लड मून रात 11 बजे दिखने लगा। 82 मिनट पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान चांद लाल-नारंगी दिखा।

फुल मून से ब्लड मून तक दिल्ली में चंद्रग्रहण के 5 स्टेज।

दिल्ली में अशोक स्तंभ के पीछे चंद्रमा का उदय होता हुआ। चंद्रग्रहण के पहले की फोटो है।
राजस्थान से

जयपुर में चंद्रग्रहण के समय गहरा लाल-नारंगी रंग का ब्लड मून दिखाई दिया।

जैसलमेर में पूर्ण ग्रहण के दौरान चांद का रंग लाल नजर आया। पूरे राजस्थान में ग्रहण का असर दिखा।
उत्तर प्रदेश से

लखनऊ में चंद्रग्रहण के समय रूमी दरवाजे के पीछे नीले रंग का आधा चांद दिखाई दिया।

लखनऊ में बच्चे टेलिस्कोप से चंद्रग्रहण देखते नजर आए।
पश्चिम बंगाल से

कोलकाता में रात 10 बजे से चंद्रग्रहण लगना शुरू हो गया था। धीरे-धीरे चांद धुंधला नजर आने लगा।

करीब 45 मिनट के बाद ही आसमान में चांद का केवल एक हिस्सा दिख रहा था।

पूर्ण चंद्रग्रहण 11 बजे शुरू हुआ। इसके बाद करीब 1 घंटे तक रेड मून दिखाई दिया।

कोलकाता में चंद्रग्रहण से पहले सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के पीछे चंद्रोदय होता हुआ।
केरल से

तिरुवनंतपुरम में रात 11 बजे से चंद्रमा धीरे-धीरे ब्लड मून में बदलने लगा।

रात 12 बजे तक चांद पूरी तरह से ब्लड मून यानी लाल-नारंगी दिखने लगा।
तमिलनाडु से

चेन्नई में पूर्ण चंद्रग्रहण के समय ब्लड मून का नजारा देखने को मिला।

चेन्नई में बच्चे और महिलाएं टेलिस्कोप से चंद्रग्रहण देखती नजर आईं।
अब दुनियाभर से चंद्रग्रहण की फोटोज
रूस से

सेंट पीटर्सबर्ग में रेजिडेंशियल बिल्डिंग के ऊपर चंद्रग्रहण। रात के समय दिन जैसा दृश्य देखने को मिला।
इजराइल से

राजधानी जेरूसलम में एक चर्च के पास चंद्रग्रहण का शानदार नजारा दिखा।
कतर से

दोहा में चंद्रग्रहण का असर देखने को मिला। एक घंटे से ज्यादा समय तक ब्लड मून रहा।
रूस से

मॉस्को में पूर्ण चंद्रग्रहण के समय कोटेलनिचेस्काया एम्बैंकमेंट बिल्डिंग के पीछे ब्लड मून नजर आया।
मिस्र से

काहिरा में गीजा के पिरामिडों के पीछे आकाश में ग्रहण के समय चंद्रमा।
पूरे भारत में चंद्रग्रहण दिखा

दुनिया की करीब 85% आबादी पूरे चंद्रग्रहण को देख पाई। पूरे भारत में इसे देखा गया।
अब समझिए चंद्रग्रहण क्या है, क्यों होता है

पृथ्वी और सभी दूसरे ग्रह गुरुत्वाकर्षण बल यानी ग्रेविटेशनल फोर्स की वजह से सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं। सूर्य के चक्कर लगाने के दौरान कई बार ऐसी स्थिति बनती है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है। इस दौरान सूर्य का प्रकाश चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता है और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ने से चंद्रग्रहण होता है।
चंद्रग्रहण की घटना तभी होती है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में हों, खगोलीय विज्ञान के अनुसार ये केवल पूर्णिमा के दिन ही संभव होता है। इसी वजह से चंद्रग्रहण केवल पूर्णिमा के दिन होते हैं।
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