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जनगणना के लिए लगभग 34 लाख गणना करने वाले और सुपरवाइजर, लगभग 1.3 लाख जनगणना कार्यकर्ता तैनात किए जाएंगे।
जाति गणना के साथ भारत की 16वीं जनगणना 2027 में की जाएगी। जनगणना लद्दाख,जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में 1 अक्टूबर 2026 को और 2027 को देश के बाकी हिस्सों में होगी।
जनगणना दो चरणों में की जाएगी। पहले चरण यानी हाउसलिस्टिंग ऑपरेशन में हर घर की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं की जानकारी इकट्ठा की जाएगी।
केंद्र सरकार ने सभी विभागों को 31 दिसंबर 2025 से पहले नगर निगमों, राजस्व गांवों, तहसीलों, उप-विभागों या जिलों की सीमाओं में कोई भी प्रस्तावित बदलाव करने का निर्देश जारी किया गया है।
यह अब तक की 16वीं और स्वतंत्रता के बाद 8वीं जनगणना है। यह जनगणना 16 साल बाद की जाएगी, क्योंकि पिछली जनगणना 2011 में की गई थी।
भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण ने कहा कि 1 अप्रैल 2026 से मकानों की लिस्टिंग, सुपरवाइजर्स और गणना कर्मचारियों की नियुक्ति, काम का बंटवारा किया जाएगा।
1 फरवरी 2027 को जनसंख्या की जनगणना शुरू होगी।

हाउसलिस्टिंग के लिए तैयार किए गए 3 दर्जन सवाल
महापंजीयक और जनगणना आयुक्त कार्यालय ने नागरिकों से पूछे जाने वाले लगभग तीन दर्जन सवाल तैयार किए हैं। इस बार सर्वे के दौरान घरों से फोन, इंटरनेट, वाहन (साइकिल, स्कूटर, मोटरसाइकिल, कार, जीप, वैन) और उपकरणों (रेडियो, टीवी, ट्रांजिस्टर) जैसी वस्तुओं के स्वामित्व के बारे में पूछा जाएगा।
नागरिकों से अनाज की खपत, पीने के पानी और लाइटिंग, शौचालयों के प्रकार और उन तक पहुंच, अपशिष्ट जल का निपटान, स्नान और रसोई की सुविधाएं, खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ईंधन और एलपीजी/पीएनजी कनेक्शन के बारे में भी पूछा जाएगा।
बाकी के सवालों में घर के फर्श, दीवारों और छत के लिए इस्तेमाल सामग्री, इसकी स्थिति, निवासियों की संख्या, कमरों की संख्या, विवाहित जोड़े और क्या घर की मुखिया महिला है या अनुसूचित जाति या जनजाति से है, यह सब शामिल हैं।
इसके बाद दूसरे चरण यानी जनसंख्या गणना (पीई) में, हर घर के सभी सदस्यों का डेमोग्राफ, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और बाकी जानकारी ली जाएगी।
प्रशासनिक सीमांकन की डेडलाइन 31 दिसंबर 2025
केंद्र सरकार ने सभी विभागों को 31 दिसंबर 2025 से पहले नगर निगमों, राजस्व गांवों, तहसीलों, उप-विभागों या जिलों की सीमाओं में कोई भी प्रस्तावित बदलाव करने का निर्देश जारी किया है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि जनगणना के दौरान यानी 1 जनवरी 2026 और 31 मार्च 2027 के बीच प्रशासनिक यूनिट की सीमाओं में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
मौजूदा सीमाओं में किसी भी बदलाव की सूचना राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जनगणना निदेशालयों और भारत के महापंजीयक को 31 दिसंबर 2025 तक देनी होगी, क्योंकि इसी दिन जनगणना 2027 के लिए, प्रशासनिक इकाइयों की सीमाएं फ्रीज कर दी जाएंगी।
नियमानुसार जिलों, उप-जिलों, तहसीलों, तालुकाओं और पुलिस स्टेशनों जैसी प्रशासनिक यूनिट की सीमाओं को निर्धारित करने के तीन महीने बाद ही जनगणना की जा सकती है।
काम बांटने के लिए बनेंगे ब्लॉक
गणना करने वाले कर्मचारियों के लिए काम का लोड बराबरी से बांटा जा सकते, इसके लिए, एक प्रशासनिक यूनिट को मैनेजेबल सेक्शन में डिवाइड किया जाता है जिन्हें ब्लॉक कहते हैं। ब्लॉक जनगणना के उद्देश्यों के लिए एक काल्पनिक मानचित्र पर किसी गांव या कस्बे के भीतर स्पष्ट परिभाषित क्षेत्र है।
इन्हें हाउसलिस्टिंग ऑपरेशन के दौरान हाउसलिस्टिंग ब्लॉक (एचएलबी) और जनसंख्या गणना के दौरान गणना ब्लॉक (ईबी) कहा जाता है और ये जनगणना के लिए सबसे छोटी प्रशासनिक यूनिट के रूप में काम करते हैं।
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