
भारतीय सिनेमा के एक मशहूर कॉमेडी कलाकार का बचपन आघात, गरीबी और दर्द से भरा था जिसके बारे में बहुत से लोग नहीं जानते. बाद में वो भारत के पसंदीदा हास्य अभिनेता बन गए.
- ट्रैक पर न आती छोटी बहन तो मर जाते जॉनी लीवर
- शराबी पिता के कारण चुनौतियों से भरा रहा अभिनेता का बचपन
- अंकल भरते थे स्कूल की फीस और राशन का खर्चा
नई दिल्लीः भारतीय सिनेमा में भले ही कुछ लोगों को नेपोटिज्म का फायदा होता हो लेकिन तमाम ऐसे भी हैं जो अपने दम पर एक्टिंग में आए हैं और दशकों से राज कर रहे हैं. आज हम एक ऐसे कॉमेडी एक्टर के बारे में आपको बताएंगे जिसके संघर्ष की कहानी का शायद बहुत कम जिक्र होता है. वो भले ही लीड रोल में दिखा हो लेकिन 90 के दशक की तमाम फिल्मों में उस हीरो की मौजूदगी होती थी. उसकी कॉमेडी से लोगों के उदास चेहरे खिलखिला उठते हैं लेकिन उसकी अपनी कहानी दिल दहला देने वाली है.
7वीं क्लास में छोड़ना पड़ा स्कूल
यहां हम लाखों लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने वाले जॉनी लीवर के बारे में बात कर रहे हैं जिनकी हंसी के पीछे की कहानी आंखों में आंसू लाने वाली है. बॉलीवुड के सबसे पसंदीदा कॉमेडियन में से एक जॉनी का बचपन आसान नहीं रहा. वास्तव में, उनका बचपन दुख, गरीबी और दर्द से भरा था, जिसके बारे में बहुत से लोग नहीं जानते. Mashable India को दिए एक इंटरव्यू में जॉनी ने बताया कि उन्हें 7वीं क्लास के बाद स्कूल छोड़ना पड़ा. उन्होंने बताया, ‘मेरे पिता शराबी थे, जिसकी वजह से उन्होंने कभी हम पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन मेरे बड़े चाचा ने ही हमारी फीस और राशन का खर्च उठाया. इसलिए कुछ समय बाद मैं नाराज हो गया और स्कूल छोड़ दिया. लेकिन स्कूल में मुझे बहुत प्यार मिला, मैं सबकी नकल करता था.’
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