
भारतीय सिनेमा में ऐसी कई एक्ट्रेस हैं जो आर्मी बैकग्राउंड से ताल्लुक रखते हैं. लेकिन यहां हम एक ऐसी हीरोइन के बारे में बात कर रहे हैं जिसने छोटी सी उम्र में ही अपने पिता को आतंकवादियों के हाथों खो दिया था.
फिल्म इंडस्ट्री में हीरोइनों का करियर अप्रत्याशित होता है. कुछ लोगों को तुरंत हिट फिल्में मिल जाती हैं और फिर फ्लॉप हो जाती हैं. वहीं कुछ लोग लगातार फ्लॉप फिल्में देते हैं लेकिन एक हिट फिल्म का इंतजार करते हैं और सफल हो जाते हैं. बॉलीवुड की इस हीरोइन को हिट होने के लिए सात साल से भी ज्यादा का इंतजार करना पड़ा.

लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार फिल्मों में पार्टीशिपेट करती रहीं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस छोटी सी उम्र में ही अपने पिता को आतंकवादियों के हाथों खो देने वाली इस हीरोइन का नाम नमृत कौर है.

नम्रित कौर का जन्म 13 मार्च 1982 को पंजाब के पिलानी में एक सिख परिवार में हुआ था. उनके पिता भूपिंदर सिंह भारतीय सेना में मेजर थे. पिता की नौकरी के कारण नम्रित कौर ने विभिन्न शहरों के छावनी क्षेत्रों के स्कूलों में पढ़ाई की.

उन्होंने नोएडा में दिल्ली पब्लिक स्कूल और दिल्ली विश्वविद्यालय के तहत श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स जैसे संस्थानों में पढ़ाई की. उसके बाद उन्होंने मॉडलिंग को अपना करियर चुना. 2004 में उन्होंने तेरा मेरा प्यार और ये क्या हुआ जैसे म्यूजिक एल्बम किए. हालांकि, डेयरी मिल्क सिल्क के विज्ञापन में दिखने के बाद वो कैडबरी गर्ल के रूप में मशहूर हो गईं.
नम्रत कौर ने वासन बाला द्वारा निर्देशित और अनुराग कश्यप द्वारा निर्मित फिल्म पेडलर्स में अहम भूमिका निभाई थी. उन्हें पहली सफलता 2013 में रिलीज हुई फिल्म ‘द लंच बॉक्स’ से मिली थी. यह बॉलीवुड की कई पीढ़ियों के लिए यादगार फिल्मों में से एक बन गई. नम्रत 2016 में अक्षय कुमार की फिल्म ‘एयरलिफ्ट’ से काफी मशहूर हुईं.

2022 में आई फिल्म दसवीं और 2023 में रिलीज हुई सजनी शिंदे का वायरल वीडियो में नम्रत को एक्टिंग के लिए अच्छे अंक मिले. फिल्मों के साथ-साथ इस हसीना ने वेब सीरीज ‘द टेस्ट केस और स्कूल ऑफ लाइज’ में भी काम किया है.

2022 में आई फिल्म दसवीं और 2023 में रिलीज हुई सजनी शिंदे का वायरल वीडियो में नम्रत को एक्टिंग के लिए अच्छे अंक मिले. फिल्मों के साथ-साथ इस हसीना ने वेब सीरीज ‘द टेस्ट केस और स्कूल ऑफ लाइज’ में भी काम किया है.

उन्होंने कहा, ’19 साल की उम्र में अपने पिता को खोना मेरे लिए बहुत दर्दनाक था. उन्होंने मेरे पिता को बहुत प्रताड़ित किया. मेरे पिता के निधन के बाद हम अपनी दादी के साथ रहते थे. जब मेरी मां ने पेंशन के पैसों से घर खरीदा तो हम नोएडा चले गए. इस तरह मैं नोएडा से मुंबई आ गई. हैरानी की बात यह है कि मेरे पिता को मेरे जन्मदिन (13 मार्च) पर शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया. मैंने उन्हें याद करने के लिए अपने हाथ पर एक टैटू भी बनवाया है.’
Discover more from हिंदी न्यूज़ ब्लॉग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.