बॉलीवुड के ‘बादशाह’ शाहरुख खान ने साल 1992 में आई फिल्म ‘दीवाना’ से बॉलीवुड में कदम रखा था, जिसमें उन्होंने एक सीधे-सादे लड़के का रोल किया था. वहीं, बाद में वह बिलकुल अलग अवतार में नजर आए. उन्होंने लगातार उन फिल्मों में काम किया, जिनमें उनका किरदार निगेटिव था.
नई दिल्ली. अपनी डेब्यू फिल्म ‘दीवाना’ के बाद शाहरुख खान रातोंरात लोगों के बीच छा गए थे. बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट होते ही इस फिल्म के बाद शाहरुख के पास फिल्मों की लाइन लग गई थी. इस फिल्म के बाद उन्होंने एक के बाद एक 7 फिल्मों में काम किया, लेकिन उनकी कोई भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल साबित नहीं हो पाई.

फ्लॉप से परेशान शाहरुख ने निगेटिव रोल करने का फैसला किया और पहली बार साल 1993 में आई फिल्म ‘बाजीगर’ में वह एक विलेन के रूप में नजर आए, लेकिन उस वक्त लोगों ने शाहरुख पर जमकर अपना प्यार लुटाया.

‘बाजीगर’ के हिट होते ही, शाहरुख ने लगातार निगेटिव रोल निभाया. उन्होंने उसके बाद ‘डर’ और फिर ‘अंजाम’ जैसी फिल्मों से खुद को एक सुपरस्टार स्थापित किया. लोग उन्हें एक विलेन के रूप में स्वीकार करते जा रहे थे और शाहरुख लगातार ऐसी फिल्मों में काम करते जा रहे थे.
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इन तीन फिल्मों के बाद, जब चौथी बार शाहरुख खान फिल्म ‘राम जाने’ में निगेटिव रोल करते नजर आए तो वह लोगों के बीच फिर से छा गए. लगातार चौथी बार निगेटिव रोल में शाहरुख खान को काफी पसंद किया गया है.

बता दें, ‘राम जाने’ 1995 की 9वीं सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी थी. विकिपीडिया के अनुसार, इस फिल्म को बनाने में मेकर्स के लगभग 3.75 करोड़ रुपये खर्च हुए थे और वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस पर इसकी कुल कमाई 15.19 करोड़ रुपये हुई थी.

‘राम जाने’ एक एक्शन थ्रिलर फिल्म थी, जिसका निर्देशन राजीव मेहरा ने किया था. यह एक अनाम लड़के (शाहरुख खान) के बारे में था जो बड़ा होकर गैंगस्टर बन जाता है. इस फिल्म में शाहरुख खान के अलावा जूही चावला, विवेक मुशरान, पंकज कपूर और पुनीत इस्सर भी अहम रोल में नजर आए थे.

फिल्म की कहानी कुछ प्रकार थी- एक लड़का जिसका कोई नाम नहीं है, जिसे उसके माता-पिता ने बहुत कम उम्र में छोड़ दिया था, उसे अपने गांव के दूसरे बच्चे उसका नाम न होने की वजह से ताने सुनाते हैं. एक दिन, वह दुखी होकर एक पुजारी से पूछता है कि उसका नाम क्या है, जिस पर पुजारी जवाब देता है ‘राम जाने’ (राम जानता है), जिसे लड़का अपना नाम मान लेता है.

राम जाने और उसके दोस्त मुरली (विवेक मुशरान) को एक भ्रष्ट पुलिस ऑफिसर चेवटे (पुनीत इस्सर) ट्रेन से चोरी करते हुए पकड़ लेता है. चेवटे जेल में राम जाने को पीटता है, लेकिन उसे बिना किसी चार्ज के रिहा कर दिया जाता है. सालों बाद, राम जाने अब समीर सनावला (टीनू आनंद) के लिए काम कर रहा है जो उसे अपने बेटे की तरह मानता है. एक दिन सनावला का मर्डर अब प्रमोटेड इंस्पेक्टर चेवटे कर देता है और जब राम जाने चेवटे को मारने की कोशिश करता है, तो उसे फिर से जेल में डाल दिया जाता है और उस पर बुरी तरह हमला किया जाता है. इसके आगे क्या होता आप खुद इश फिल्म को देखकर पता लगा सकते हैं.


