
बॉलीवुड में ऐसे तमाम लोग हैं, जिनका नाम आज भी चर्चा में हैं, जिन्हें आज भी खूब सम्मान दिया जाता है, उन्हीं में से एक हैं अशोक कुमार. जिनका शुरुआती सफर कुछ ऐसा था कि डायरेक्टर तक ने सिर पकड़ लिया था. आइए जानते ह…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- क्यों सेट से भाग गए थे अशोक कुमार
- डायरेक्टर ने पकड़ लिया था सिर
- मां ने दी हिदायत
1936 में बॉम्बे टॉकीज की फिल्म ‘जीवन नैया’ से जब अशोक कुमार ने अभिनय की दुनिया में कदम रखा, तब वो बेहद घबराए हुए थे. बॉम्बे टॉकीज के हेड हिमांशु राय ने उन्हें बतौर हीरो साइन किया था, लेकिन शूटिंग के पहले ही दिन वो चौंक गए. अशोक ने बिना पूछे अजीब ढंग से बाल कटवा लिए थे. राय ने तुरंत हेयरड्रेसर बुलवाकर उन्हें विग पहनाया.
क्यों घबरा गए थे अशोक?
मां की हिदायत और देविका रानी से दूरी
बॉम्बे टॉकीज में नौकरी से हीरो बनने तक
‘अछूत कन्या’ से मिली पहचान
1936 से 1938 के बीच अशोक कुमार ने छह फिल्में कीं. लेकिन 1936 में ही आई ‘अछूत कन्या’ ने उन्हें असली पहचान दिलाई. देविका रानी के साथ उनकी जोड़ी लोगों को पसंद आई, लेकिन मां की चिंता फिर भी बनी रही बेटा कहीं फिल्मी चकाचौंध में बहक न जाए. इसी बीच उनके जीवन में एक और नाटकीय मोड़ आया.
Discover more from हिंदी न्यूज़ ब्लॉग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.