
Chinese Factory Output Growth Slow: दुनिया की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था चीन की इकोनोमी के ऊपर ट्रंप टैरिफ का सीधा असर दिख रहा है. अब भले ही अमेरिका के साथ उसने ट्रेड वार्ता की हो, लेकिन टैरिफ ने उसकी इकोनॉमी को गर्त में डालने का काम किया है. यही वजह है कि चीन का फैक्ट्री आउटपुट पिछले छह महीने में सबसे नीचे चला गया है. हालांकि, खुदरा बिक्री में थोड़ी तेजी ने बीजिंग को जरूर थोड़ी राहत दी है.
गौरतलब है कि चीन के फैक्ट्री ग्रोथ में गिरावट का ये आंकड़ा ऐसे वक्त पर आया है जब राष्ट्रपति ट्रंप के टैरिफ की वजह से चीन की इकोनॉमी इस वक्त बुरे दौर से गुजर रही है. वहां का प्रोपर्टी सेक्टर टूटा हुआ है. घरों के दाम काफी गिर चुके हैं और दूर-दूर तक इसमें अभी रिकवरी की कोई उम्मीद नहीं नजर आ रही है.
औद्योगिक उत्पादन की धीमी रफ्तार
राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, औद्योगिक उत्पादन पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 5.8 प्रतिशत का ग्रोथ रहा है. ये अप्रैल के महीने में 6.1 प्रतिशत था. साल 2023 के नवंबर की तुलना में ये अब तक की सबसे धीमी रफ्तार है.
हालांकि, खुदरा बिक्री में 6.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. अप्रैल के महीने में यह ग्रोथ 5.1 प्रतिशत था. ये दिसंबर 2023 के बाद सबसे ज्यादा तेज वृद्धी है. एक्पर्ट 5.0 प्रतिशत की रफ्तार से इसके बढ़ने का अनुमान लगा रहे थे. जाहिर ये आंकड़े बीजिंग में औद्योगिक क्षेत्र में मंदी या धीमी विकास को जाहिर कर रहा है, जबकि घरेलू उपभोग में तेजी के साथ सुधार हुआ है. ये आर्थिक सुधार और उपभोक्ता विकास का भी संकेत है.
चीन को क्यों झटका
गौरतलब है कि ट्रंप टैरिफ के इस 2 अप्रैल को ऐलान के बाद चीन को बड़ा झटका लगा था. अमेरिका ने बाकी देशों के ऊपर टैरिफ पर 90 दिनों का ब्रेक लगा दिया था, जबकि चीन के ऊपर टैरिफ को बढ़ दिया था. दोनों देशों के बीच टैरिफ वॉर और चीन में पहले से कारोबार कर रही एपल जैसी बड़ी कंपनियों का वहां के काम भारत में शिफ्ट का फैसला भी बड़े झटके से कम नहीं रहा. हालांकि, बाद में दोनों देशों के बीच व्यापारिक वार्ता के बाद अब तनाव खत्म हो गया है.
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