
हरिद्वार12 मिनट पहले
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हमें जो साधन, सुविधा, शक्ति, विद्या और वैभव मिला है, उसका सही इस्तेमाल करना चाहिए। जैसे हमारे पास जो धन है, उसका केवल खुद के इस्तेमाल न करें, बल्कि अपना धन परोपकार में भी लगाएं। दूसरों की मदद के लिए अपने संसाधनों का उपयोग करना चाहिए। धन कई प्रकार का होता है- जैसे समय रूपी धन, विद्या रूपी धन, विचार रूपी धन, ऊर्जा और अनुभव रूपी धन, इन सभी से दूसरों को लाभान्वित करें।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए धन-संपत्ति के तीन अर्थ कौन-कौन से हैं?
आज का जीवन सूत्र जानने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें।
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