

अमावस्या का दिन स्नान, दान और पूजा-पाठ के साथ ही पितरों की शांति या पितृ दोष निवारण के लिए भी महत्वपूर्ण माना गया है. इस तिथि पर लोग पितरों के निमित्त पिंडदान, तर्पण, दान और विशेष उपाय भी करते हैं, जिससे पितृ प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं और पितृ दोष दूर होता है.

अभी आषाढ़ का महीना चल रहा है और आषाढ़ महीने की अमावस्या तिथि 25 जून 2025 को पड़ रही है. ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास बताते हैं कि, जिन पितरों की आत्मा असंतुष्ट रहती है, उनके वंशजों को आर्थिक, रोग, सुख-सुविधा, पारिवारिक खुशियां जैसी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. अमावस्या तिथि पर आप कुछ उपायों को कर नाराज पितरों को प्रसन्न कर सकते हैं.

आषाढ़ अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें. नदी स्नान संभव न हो तो घर पर स्नान किया जा सकता है. इसके बाद हाथ में जल, तिल और कुश लेकर दक्षिण दिशा में पितरों के निमित्त तर्पण करें.

आषाढ़ महीने की अमावस्या तिथि पर ब्राह्मणों को भोजन कराएं. साथ ही उन्हें क्षमतानुसार दान में वस्त्र और दक्षिणा भी जरूर दें. इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. साथ ही आप काले दिन, सफेद वस्त्र, चावल, गुड़ और लौंग का दान भी कर सकते हैं.

अगर घर पर पितरों की तस्वीर लगा रखी है तो, अमावस्या के दिन तस्वीर मे फूल-माला अर्पित करें और दीप जलाकर ऊं पितृदेवाय नम: मंत्र का जाप करें. इस उपाय से भी पितरों का आशीर्वाद अपने घर-परिवार पर बना रहता है.

आषाढ़ अमावस्या तिथि पर पीपल वृक्ष में जल चढ़ाकर पूजा करें और दीपक जलाएं. मान्यता है कि पितरों का वास पीपल वृक्ष में भी होता है. इस उपाय से भी धीरे-धीरे पितृ दोष का प्रभाव कुंडली में कम होने लगता है.
Published at : 19 Jun 2025 08:33 AM (IST)
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