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- Anil Ambani Appeals To Supreme Court Against Bombay High Court’s SBI Fraud Tag Order In ₹2,929 Crore Case
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रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी ने ₹2,929.05 करोड़ की हेराफेरी केस में बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
दरअसल अनिल अंबानी ने बॉम्बे हाई कोर्ट में SBI द्वारा रिलायंस कम्युनिकेशंस के खातों से ‘फ्रॉड’ टैग हटाने की मांग की थी।
लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट ने अनिल की अपील खारिज कर खातों को फ्रॉड घोषित करने के फैसले को बरकरार रखा था।
अब इसी फैसले के खिलाफ अंबानी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। हालांकि यह याचिका अभी सूचीबद्ध नहीं हुई है।
अनिल अंबानी ने निष्पक्ष सुनवाई ना होने का आरोप लगाया था
अनिल अंबानी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि SBI ने उनके खातों को फ्रॉड घोषित करने से पहले उन्हें निष्पक्ष सुनवाई का मौका नहीं दिया। दरअसल SBI ने अनिल अंबानी और उनकी कंपनी पर 2,929 करोड़ रुपए के फंड की हेराफेरी का आरोप लगाया था।
बैंक की शिकायत के बाद, यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपा गया था। इसके बाद CBI ने अंबानी से जुड़ी संपत्तियों पर छापेमारी भी की थी।
4 सवाल-जवाब में SBI से जुड़ा पूरा मामला:
सवाल 1: अनिल अंबानी के ग्रुप के खिलाफ CBI ने कार्रवाई क्यों की थी?
जवाब: मामला SBI द्वारा अनिल अंबानी से जुड़े रिलायंस ग्रुप की कंपनियों को दिए गए करीब 2,929 करोड़ रुपए के लोन से जुड़ा है। कंपनी ने ये लोन नहीं चुकाया। इसे फ्रॉड माना गया, क्योंकि कंपनी ने लोन के पैसे का सही इस्तेमाल नहीं किया या नियमों का पालन नहीं किया।
सवाल 2 : अनिल अंबानी के मामले में CBI की क्या भूमिका है?
जवाब: इससे पहले CBI ने दो मामलों में FIR दर्ज की थी। ये मामले यस बैंक द्वारा रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड को दिए गए दो अलग-अलग लोन से जुड़े हैं। दोनों ही मामलों में CBI ने यस बैंक के पूर्व CEO राणा कपूर का नाम लिया था।
इसके बाद एक अधिकारी ने बताया कि नेशनल हाउसिंग बैंक, सेबी, नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसी अन्य एजेंसियों और संस्थानों ने भी ED के साथ जानकारी साझा की। ED भी इस मामले की जांच कर रही है।
सवाल 3: जांच में अब तक क्या-क्या सामने आया?
जवाब: ED ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि ये एक “सोचा-समझा और सुनियोजित” प्लान था, जिसके तहत बैंकों, शेयरहोल्डर्स, निवेशकों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों को गलत जानकारी देकर पैसे हड़पे गए। जांच में कई गड़बड़ियां पकड़ी गईं, जैसे:
- कमजोर या बिना वेरिफिकेशन वाली कंपनियों को लोन।
- कई कंपनियों में एक ही डायरेक्टर और एड्रेस का इस्तेमाल।
- लोन से जुड़े जरूरी दस्तावेजों का न होना।
- फर्जी कंपनियों में पैसे ट्रांसफर करना।
- पुराने लोन चुकाने के लिए नए लोन देने की प्रक्रिया (लोन एवरग्रीनिंग)।
सवाल 4: अनिल अंबानी की कंपनियों पर और क्या आरोप हैं?
जवाब: कुछ दिन पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस और खुद अनिल अंबानी को “फ्रॉड” घोषित किया था।
SBI का कहना है कि RCom ने बैंक से लिए गए 31,580 करोड़ रुपए के लोन का गलत इस्तेमाल किया। इसमें से करीब 13,667 करोड़ रुपए दूसरी कंपनियों के लोन चुकाने में खर्च किए। 12,692 करोड़ रुपए रिलायंस ग्रुप की दूसरी कंपनियों को ट्रांसफर किए।
SBI ने ये भी कहा कि हम इस मामले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) के पास शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया में है। इसके अलावा अनिल अंबानी के खिलाफ पर्सनल इन्सॉल्वेंसी (दिवालियापन) की कार्रवाई भी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) मुंबई में चल रही है।



