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7 जुलाई, 1993
की बात है, रात 2 बजे 27 साल की अमेरिकी सिंगर मिया जपाटा अपने दोस्त के फ्लैट से घर जा रही थीं। उन्होंने टैक्सी बुक की और दोस्त को बाय कहकर निकल गईं। लेकिन थोड़ी ही देर बाद उनकी लाश सड़क पर पड़ी मिली।
सुबह होते ही मिया के दोस्त उन्हें सिंगिंग रिहर्सल के लिए लगातार कॉल कर रहे थे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा था। इसी दौरान उन्हें सूचना मिली कि मिया अब इस दुनिया में नहीं रहीं।
मेडिकल जांच में पता चला कि मिया के साथ पहले रेप हुआ, फिर उन्हें बेरहमी से पीटा गया और इसके बाद गला दबाकर हत्या कर दी गई। इस घटना से पूरे अमेरिका में आक्रोश फैल गया और पुलिस पर केस को सुलझाने का दबाव लगातार बढ़ता रहा।
जांच के दौरान मिया के शरीर से लार का नमूना मिला, लेकिन उस समय DNA तकनीक इतनी विकसित नहीं थी कि अपराधी की पहचान तुरंत की जा सके। ऐसे में यह केस पुलिस के ठंडे बस्ते में चला गया।
11 साल बाद जब DNA तकनीक में सुधार हुआ तो मिया के केस को दोबारा जांचा गया और अपराधी का पता चला, जिससे हर कोई हैरान रह गया।

अमेरिकी सिंगर मिया जपाटा।
आज अनसुनी दास्तानें के चैप्टर 3 में पढ़िए अमेरिकी सिंगर मिया जपाटा की कहानी, जिनका रेप कर हत्या की गई थी…

मिया जपाटा का जन्म 25 अगस्त 1965 को अमेरिका में हुआ था। वह तीन बच्चों में सबसे छोटी थीं। उनके भाई का नाम एरिक और बहन का नाम क्रिस्टन था। उनके माता-पिता डोना और रिचर्ड जपाटा टीवी इंडस्ट्री में काम करते थे।
मिया को बचपन से ही गाने का बहुत शौक था। उन्होंने केवल 9 साल की उम्र में गिटार और पियानो बजाना सीख लिया था। मिया हमेशा अपनी आवाज को टेप रिकॉर्डर पर रिकॉर्ड करतीं और फिर उसे सुनकर अपने गानों के बोल बदलतीं और उसमें सुधार करतीं।
मिया ने अपनी पढ़ाई एक कैथोलिक स्कूल से की थी, जहां के नियम बहुत सख्त थे। छात्रों को यूनिफॉर्म पहनना होता और समय का पालन करना होता था। लेकिन मिया इनमें से किसी भी नियम का पालन नहीं करती थीं। उनके टीचर्स उनके माता-पिता से शिकायत करते थे कि उन्हें संभालना मुश्किल है। लेकिन मिया उन लोगों के साथ समय बिताना पसंद करती थीं जिन्हें संगीत से प्यार था। वह महंगी पार्टियों में जाने की बजाय सस्ते कैफे में बैठकर गाना गाना पसंद करती थीं।
1984 में मिया जपाटा ने एंटिओक कॉलेज में लिबरल आर्ट्स की पढ़ाई शुरू की। वहां मिया की मुलाकात मैट ड्रेसनर, एंडी केसलर और स्टीव मोरियार्टी से हुई। चारों जल्दी ही अच्छे दोस्त बन गए और सितंबर 1986 में उन्होंने एक रॉक बैंड बनाया, जिसका नाम द गिट्स रखा।

मिया जपाटा अपने दोस्तों के साथ।
1989 में वे सभी अमेरिका के सिएटल शहर में चले गए। मिया ने वहां एक बार में नौकरी की और चारों दोस्त एक साथ एक घर में रहने लगे, जिसे उन्होंने दे रेट हाउस नाम दिया। धीरे-धीरे बैंड अपनी पहचान बनाने लगा और इसकी मेन सिंगर मिया ही थीं।

1990-91 के बीच द गिट्स ने कुछ गाने रिकॉर्ड किए और उन्हें छोटे, स्थानीय रिकॉर्ड कंपनियों के जरिए रिलीज किया। मिया की आवाज में एक जादू था और इस बैंड की असली पहचान भी मिया के नाम से ही होती थी। जैसे-जैसे बैंड फेमस होने लगा तो उनके कॉन्सर्ट की डिमांड भी बढ़ने लगी।
1992 में बैंड ने अपना पहला एल्बम फ्रेंचिंग द बुली रिलीज किया। इस गाने के जरिए मिया को पूरे अमेरिका में पहचान मिल गई। लोग उन्हें पसंद करने लगे। अब बैंड अमेरिका और यूरोप में टूर करने का प्लान बना रहे थे। इसके अलावा भी कॉन्सर्ट थे। मिया के साथ ही पूरी टीम काफी खुश थी कि उनकी मेहनत रंग लाने लगी।
इतना ही नहीं बैंड ने अपना दूसरा एल्बम एंटर: द कॉन्करिंग चिकन तैयार किया, जिसे रिलीज करने ही वाले थे। लेकिन इसके रिलीज से पहले कुछ ऐसा हुआ जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।
6 जुलाई, 1993 की रात मिया ने अपने एक दोस्त के साथ गाने की रिहर्सल की और फिर 7 जुलाई को वो अपने दोस्त के घर कॉमेट टैवर्न कैपिटल हिल में रुकीं। वहां उन्होंने अपने दोस्तों के साथ पार्टी की। उस पार्टी में कई ऐसे लोग भी थे जो मिया को बहुत अच्छे से जानते थे।

आधी रात के समय मिया ने कहा कि वह अपने बॉयफ्रेंड के पास जा रही हैं। लेकिन इसके बजाय वह कॉमेट टैवर्न बिल्डिंग में ही अपने एक दोस्त के अपार्टमेंट में गईं और लगभग एक घंटे तक वहीं रहीं।
फिर करीब 2 बजे मिया वापस घर जाने लगीं। उन्होंने टैक्सी बुलाई। लेकिन बिल्डिंग से मिया निकलीं या नहीं किसी को नहीं पता था। सिर्फ यही नहीं किसी टैक्सी कंपनी के पास उनका कोई रिकॉर्ड भी नहीं मिला। उस समय इलाके में लगे कोई कैमरे भी काम नहीं कर रहा था।
इसी दौरान रात के करीब 3:20 बजे एक महिला ने बिल्डिंग के पास किसी व्यक्ति की लाश पड़ी देखी तो तुरंत पुलिस को इसकी जानकारी दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अस्पताल ले जाकर पहचान की तो पता चला कि वह कोई और नहीं, बल्कि अमेरिकी सिंगर मिया जपाटा ही थीं।

मेडिकल जांच में पता चला कि मिया की हत्या से पहले उनका रेप किया गया, पीटा गया और उनका गला दबाकर हत्या कर दी गई। लेकिन जांच के दौरान मिया के शरीर से जो लार के नमून मिले उसे पुलिस टीम ने संभालकर रख दिया था, क्योंकि 1993 में DNA तकनीक इतनी विकसित नहीं थी कि लार या अन्य सबूतों से अपराधियों की पहचान तुरंत की जा सके।
उधर, मिया के सभी दोस्त उनका सिंगिंग रिहर्सल के लिए इंतजार कर रहे थे। उन्होंने कई बार कॉल किए, लेकिन किसी को कोई जवाब नहीं मिला। इसी दौरान उन्हें पता चला कि मिया अब इस दुनिया में नहीं रहीं और उनकी हत्या कर दी गई थी।
मिया की मौत की खबर ने सभी को हैरान कर दिया। देखते ही देखते यह खबर एक ही दिन में पूरे अमेरिका में फैल गई। इतना ही नहीं, यह भी दावा किया गया कि जब मिया का शरीर मिला, तो उसका आकार ऐसा था जैसे उन्होंने बाहें फैला रखी हों। कुछ लोगों ने इसे महज संयोग बताया, जबकि कुछ ने कहा कि इसके पीछे जरूर हत्या की कोई कहानी छुपी होगी। हालांकि, आधिकारिक फाइलों ने इसे कभी पुष्टि नहीं की।
अब मिया के ग्रुप के सदस्यों के मन में कई सवाल उठने लगे कि आखिर इसके पीछे कौन हो सकता है। पुलिस के पास कोई सबूत नहीं थे, कोई गवाह नहीं था और कोई टैक्सी रिकॉर्ड भी नहीं मिला। सबूत के नाम पर केवल वही लार के नमूने थे, जिनका उस समय कोई खास महत्व नहीं था।
इसके अलावा कई सवाल थे कि आखिर उन 80 मिनटों में क्या हुआ। मिया किस दरवाजे से बाहर निकली और उसके बाद उसका कोई निशान क्यों नहीं मिला? और फिर ऐसा क्या हुआ कि मिया का रेप भी हुआ, पिटाई भी हुई और फिर गला दबाकर हत्या कर दी गई।
मिया के अंतिम संस्कार में सैकड़ों लोग मौजूद थे। हर किसी की आंखें नम थीं, लेकिन न्याय की चाह हर किसी के दिल में थी। ऐसे में उस वक्त सिएटल का माहौल बदल गया। जहां लोग पहले बेफिक्र होकर घूमते थे, वहीं अब डर और संशय लोगों को सताने लगा।
पुलिस लगातार मामले की जांच कर रही थी। मिया के बॉयफ्रेंड, बैंड मेट्स और कैपिटल हिल के दोस्तों हर किसी से पूछताछ की गई। लेकिन कोई भी शक के दायरे में नहीं आया। मिया की मौत एक अनसुलझी पहेली बनती जा रही थी। पुलिस भी यह समझ नहीं पा रही थी कि जांच को किस दिशा में आगे बढ़ाया जाए।
मिया की मौत के कुछ महीनों बाद कुछ महिलाएं सामने आईं, जिन्होंने दावा किया कि कॉमेट टैवर्न बिल्डिंग के पास एक आदमी उनका पीछा किया करता था। एक महिला ने उस शख्स की गाड़ी का नंबर भी नोट कर लिया। जब पुलिस ने जांच शुरू की, तो पता चला कि यह लाइसेंस प्लेट जीसस मेजिया के नाम पर रजिस्टर्ड थी।
लेकिन 1993 में पुलिस के पास जीसस मेजिया को शक के घेरे में लेने के लिए कोई ठोस आरोप नहीं थे। इसके बाद 10 साल तक इस केस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। कई सालों तक मिया के केस की फाइल पुलिस विभाग के ठंडे बस्ते में पड़ा रहा।
पुलिस के पास बस एक ही उम्मीद थी मिया के शरीर से लिया गया लार का नमूना। सालों-साल यह नमूना अलमारी में सुरक्षित रखा गया। फिर 2002 के अंत में वॉशिंगटन स्टेट की कोल्ड केस यूनिट ने पुराने DNA नमूनों को नए CODIS डेटाबेस से मिलाना शुरू किया। यह डेटाबेस उन लोगों के DNA थे जिन्हें पहले किसी अपराध में पकड़ा गया था।
मिया का नमूना भी दोबारा कंप्यूटर में डाला गया। फिर कुछ ऐसा हुआ कि अचानक मिया का केस, जो सालों तक ठंडे बस्ते में पड़ा था, उसमें कोई सुराग मिला। पुलिस के हाथ अब वह सबूत था, जिसने मिया के अपराधी की पहचान करवा दी और वह कोई और नहीं बल्कि जीसस मेजिया ही था। यह वही शख्स था, जिसके खिलाफ महिलाओं ने पीछा करने की शिकायत की थी। उसके ऊपर पहले से ही कई केस दर्ज थे।

मिया जपाटा का अपराधी जीसस मेजिया।
1990 के शुरुआती सालों में वह कुछ समय के लिए सिएटल में भी रहा था। जनवरी 2003 में जीसस मेजिया को मियामी से गिरफ्तार कर सिएटल लाया गया। गिरफ्तारी के बाद से ही जीसस ने मिया की हत्या से साफ इनकार कर दिया। हालांकि, DNA ने यह साबित कर दिया था कि मिया का रेप जीसस ने ही किया था। लेकिन उसके लगातार इनकार के कारण हत्या से जुड़े कई सवाल अब भी अनसुलझे रह गए।
फिर मार्च 2004 में लगभग 11 साल बाद ज्यूरी ने जीसस को मिया की हत्या का दोषी ठहराया। उसे 37 साल की सजा सुनाई गई। कोर्ट ने कहा कि हमें न गवाहों की जरूरत थी, न उंगलियों के निशान की और न कैमरे की। हमारे लिए सिर्फ DNA-सबूत पर्याप्त था, जिसने साबित किया कि जीसस ने न सिर्फ मिया का रेप किया था, बल्कि उनकी हत्या भी की थी। इसके बाद जीसस 2021 तक जेल में रहा, जहां उसकी मौत हो गई।


