
Rare Earth Elements: लंदन में दो दिनों तक चली बातचीत के बाद अमेरिका और चीन दोनों अपने व्यापार विवादों को सुलझाने के लिए एक फ्रेमवर्क पर काम करने के लिए सहमत हो गए है. इसी के साथ दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच टैरिफ और ट्रेड वॉर का खतरा अब टलता दिखाई दे रहा है.
न युद्ध का डर और न ही टैरिफ की फिक्र… ट्रंप और जिनपिंग को आपस में बातचीत करने के लिए एक ही चीज ने मजबूर किया और वह है रेयर अर्थ एलिमेंट्स. बीते गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग के बीच फोन पर करीब 90 मिनट तक बातचीत हुई. इसके बाद ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए कहा कि चीन अमेरिका में रेयर अर्थ एलिमेंट्स की शिपमेंट के लिए तैयार हो गया है.
चीन के एक फैसले से दुनिया हुई बेचैन
अमेरिका ने चीन पर सेमीकंडक्टर चिप को लेकर प्रतिबंध लगा रखा है. इसके बाद अमेरिका ने तिब्बती क्षेत्रों में प्रवेश को लेकर कुछ चीनी अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाया. इस बीच, चीन ने रेयर अर्थ एलिमेंट्स के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी, जिससे अमेरिका की नींद उड़ गई.
चीन ने जैसे ही छह रेयर अर्थ यानी दुर्भल खनिज मैग्नेट की सप्लाई पर रोक लगा दी, तो पूरी दुनिया बैचेन हो गई क्योंकि इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए मोटर बनाने से लेकर F-35 फाइटर जेट तक में होता है. चीन के इस फैसले ने शिकागो से लेकर मुंबई तक की फैक्ट्रियों को हिलाकर रख दिया. आइए देखते हैं कि चीन के REEs की शिपमेंट पर ब्रेक लगाने का क्या असर हुआ-
- फोर्ड ने शिकागो में अपने एक्सप्लोरर SUV का प्रोडक्शन एक हफ्ते के लिए रोक दिया.
- रेयर अर्थ की कमी के चलते टेस्ला के ऑप्टिमस रोबोट एक्ट्यूएटर्स पर असर पड़ा.
- फॉक्सवैगन ने अपने सप्लायर्स से ऐसे कॉम्पोनेंट्स का पता लगाने के लिए जिनमें रेयर अर्थ का कम इस्तेमाल होता है.
- डिफेंस कॉन्ट्रैक्टर्स ने भी मैग्नेट्स का स्टॉक खत्म हो जाने की चेतावनी दी.
- यूक्रेन को ड्रोन की सप्लाई को लेकर भी दिक्कतें आने लगीं.
क्या होता है रेयर अर्थ एलिमेंट्स?
आज दुनिया में 90 परसेंट रेयर अर्थ मैग्नेट का प्रोडक्शन चीन में होता है. REEs की ग्लोबल सप्लाई चेन चीन पर बहुत ज्यादा निर्भर है. रेयर अर्थ एलिमेंट्स 17 धातु तत्वों का एक समूह है, जो पृथ्वी की ऊपरी सतह (क्रस्ट) में पाए जाते हैं. इनमें नियोडिमियम, डिस्प्रोसियम, गैडोलिनियम, प्रेजोडायमियम, ल्यूटेटियम, शामिल हैं. इन्हें रेयर इसलिए कहा जाता है कि क्योंकि ये पृथ्वी की सतह के नीचे बनते हैं और इन्हें ढूंढ़ना, निकालना और एक-दूसरे से अलग करना मुश्किल होता है क्योंकि ये समूहों में पाए जाते हैं.
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