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ईरान दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है और इसका ज्यादातर तेल चीन को जाता है।
इजराइल ने 12 जून को ईरान के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिससे तेल की कीमतें अचानक बढ़ गई है। ऐसे में सवाल है कि आम आदमी की जेब पर इस तनाव का क्या असर होगा? क्या पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ जाएंगे और शेयर बाजार गिर जाएगा?
इस स्टोरी में सवाल-जवाब के जरिए पूरे मामले को आसान भाषा में समझते हैं…
सवाल 1: क्रूड ऑयल की कीमतों में तेजी क्यों आई है?
जवाब: इजराइल ने ईरान पर 12 जून 2025 को हवाई हमले किए। ये हमले ईरान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम को निशाना बनाकर किए गए।
इसके बाद तेल की कीमतें एकदम से उछल गईं। दरअसल, ईरान दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है और इसका ज्यादातर तेल चीन को जाता है।
ईरान की जियोलॉजिकल पोजिशन भी काफी महत्वपूर्ण है – ये स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के उत्तरी किनारे पर है। ये वो रास्ता है जहां से सऊदी अरब, कुवैत, इराक जैसे देशों का तेल सप्लाई होता है।
अगर ईरान ने गुस्से में आकर इस रास्ते को ब्लॉक कर दिया, तो दुनिया की 20% तेल सप्लाई अटक सकती है।

सवाल 2: तेल की कीमतों में कितनी तेजी आई है?
जवाब: जैसे ही हमले की खबर आई, ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत 10% बढ़कर करीब 78 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गई। यूएस का वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) भी 10% चढ़कर 74 डॉलर के पार पहुंच गया।
सवाल 3: आम आदमी पर इसका क्या असर पड़ेगा?
जवाब: अगर ज्यादा दिनों तक क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ी रहती है तो ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने होंगे। इससे ट्रांसपोर्ट, खाने-पीने की चीजें, और बाकी सामान भी महंगा हो सकता है। अगर जंग लंबी खिंची तो महंगाई और बढ़ेगी। शेयर बाजार गिरने से निवेशकों को भी नुकसान हो रहा है।
सवाल 4: क्रूड के गिरने से शेयर बाजार क्यों नीचे है?
जवाब: तेल की कीमतें बढ़ने का मतलब है महंगाई बढ़ेगी। इससे तेल आयात करने वाले देशों की इकोनॉमी पर बुरा असर पड़ता है। निवेशकों में डर है कि अगर तेल महंगा हुआ तो कंपनियों की लागत बढ़ेगी, मुनाफा घटेगा।
इससे भारतीय शेयर बाजार 1% से ज्यादा गिर गया। जापान का निक्केई 225 इंडेक्स भी 1.3% और हॉन्ग कॉन्ग का हैंग सेंग इंडेक्स 0.7% गिर गया। जिस वक्त हमला हुआ वॉल स्ट्रीट बंद था, लेकिन फ्यूचर्स ट्रेडिंग में संकेत मिले कि अमेरिकी बाजार भी 1% से ज्यादा लुढ़क सकता है।
सवाल 5: इजराइल ने ऐसा क्यों किया?
जवाब: इजराइल का कहना है कि ये हमला “प्री-एम्प्टिव” यानी पहले से रक्षा के लिए था। इजराइल के PM बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान का परमाणु प्रोग्राम और मिसाइल प्रोग्राम उनके लिए बड़ा खतरा है। उन्होंने ईरान के नतांज परमाणु साइट और कई बड़े सैन्य अधिकारियों को निशाना बनाया। नेतन्याहू का मानना है कि ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकना जरूरी है, वरना देर हो जाएगी।

सवाल 6: दुनिया के बाकी देश क्या कर रहे हैं?
जवाब: अमेरिका ने साफ कर दिया कि वो इस हमले में शामिल नहीं था। राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि वो जंग नहीं चाहते। दूसरी तरफ, सऊदी अरब जैसे देश तैयार हैं। उनके पास रेड सी तक पाइपलाइन सिस्टम है। अगर स्ट्रेट ऑफ होर्मुज बंद हो तो तेल की सप्लाई बनी रहे।
ईरान का सबसे बड़ा तेल खरीदार चीन है। उपास भी बड़ा तेल रिजर्व है, जो कुछ हफ्तों तक काम चला सकता है।
सवाल 7: ईरान के जवाब का क्रूड ऑयल पर क्या असर होगा?
जवाब: अभी ईरान की तरफ से कोई बड़ा बयान नहीं आया, लेकिन ईरान बदला ले सकता है। वो स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को ब्लॉक कर सकता है। या फिर वो इजराइल या अमेरिकी ठिकानों पर हमला कर सकता है। अगर ऐसा हुआ तो तेल की कीमतें 100 डॉलर के पार भी जा सकती हैं।
सवाल 8: अब आगे क्या होने वाला है?
जवाब: सब कुछ इस बात पर डिपेंड करता है कि ईरान क्या करता है। अगर वो जवाबी हमला करता है, तो तनाव और बढ़ेगा। अगर दोनों देश बातचीत की टेबल पर आए, तो शायद मामला शांत हो। ये तनाव सिर्फ इजराइल और ईरान तक सीमित नहीं है। इसका असर पूरी दुनिया की इकोनॉमी पर पड़ेगा।
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इजराइल ने ईरान पर हमला कर दिया है। इजराइली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उनके फाइटर जेट्स ने दुश्मन देश पर शुक्रवार सुबह हमला किया है।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, इजराइली सेना ने तेहरान के आसपास कम से कम 6 सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। इन 6 में से 4 जगहों पर परमाणु ठिकाने भी मौजूद हैं। पूरी खबर पढ़ें
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