
12 जून 2025 को अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे ने न सिर्फ गुजरात, बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया. अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद मेघानी नगर के रिहायशी इलाके में क्रैश हो गई. इस हादसे में 242 यात्रियों में से 241 की मौत हो गई, जिनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे. इस तरह के हादसों से लोगों में डर, चिंता और पैनिक अटैक जैसी मेंटल प्रॉब्लम होने लगती हैं. आइए बताते हैं कि अगर आपको भी पैनिक अटैक परेशान कर रहा है तो अपने दिमाग को कैसे शांत रखें?
अहमदाबाद हादसे का दिमाग पर असर
अहमदाबाद प्लेन क्रैश जैसी घटनाएं न सिर्फ स्थानीय लोगों, बल्कि उन लोगों को भी प्रभावित करती हैं, जो इस खबर को टीवी, सोशल मीडिया या समाचार पत्रों के माध्यम से देखते हैं.इस तरह की घटनाएं पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD), चिंता और पैनिक अटैक जैसी समस्याओं को ट्रिगर कर सकती हैं. इससे उन लोगों को ज्यादा दिक्कत हो सकती है, जो पहले से ही तनाव या मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं.
क्या होता है पैनिक अटैक?
पैनिक अटैक एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें व्यक्ति को अचानक तेज डर या चिंता का अनुभव होता है. यह फिजिकल और मेंटल लक्षणों के साथ प्रकट होता है. यह स्थिति 15 सेकंड से एक घंटे तक रह सकती है. इस दौरान व्यक्ति को अपनी जान खतरे में महसूस होती है.
पैनिक अटैक के लक्षण
- फिजिकल लक्षण: तेज धड़कन, सांस लेने में कठिनाई, सीने में जकड़न, पसीना, कंपकंपी, चक्कर आना, मिचली, गर्मी या ठंड की लहर (हॉट/कोल्ड फ्लैश) और सिर में हल्कापन.
- मेंटल लक्षण: तेज डर, नियंत्रण खोने का खतरा, मौत का डर और वास्तविकता से अलगाव महसूस होना.
पैनिक अटैक के कारण
- तनाव और चिंता: अहमदाबाद जैसे हादसे की खबर सुनने के बाद लोग काफी ज्यादा टेंशन में आ सकते हैं. इनमें वे लोग ज्यादा परेशान हो सकते हैं, जो नियमित रूप से हवाई यात्रा करते हैं.
- पुरानी यादें: यदि किसी व्यक्ति ने पहले किसी दर्दनाक घटना का अनुभव किया है तो ऐसी खबरें पुरानी यादों को फिर से ट्रिगर कर सकती हैं.
- मीडिया का प्रभाव: सोशल मीडिया और समाचार चैनलों पर बार-बार दिखाए जाने वाले हादसे के दृश्य और वीडियो लोगों के डर को बढ़ा सकते हैं.
- फिजिकल कारण: नींद की कमी, कैफीन का ज्यादा सेवन, या अनियमित डाइट भी पैनिक अटैक को बढ़ावा दे सकता है.
दिमाग को शांत रखने के तरीके
- डीप ब्रीदिंग (गहरी सांस लेना): पैनिक अटैक के दौरान शरीर ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत होती है. इसकी वजह से सांसें तेज और अनियमित हो सकती हैं. डीप ब्रीदिंग इस स्थिति को नियंत्रित करने में मदद करती है.
- मेडिटेशन और माइंडफुलनेस: मेडिटेशन तनाव को कम करने और मन को शांत करने का शक्तिशाली तरीका है. बॉडी-स्कैन मेडिटेशन से आप अपने शरीर के हर हिस्से पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं. यह पैनिक अटैक के प्रभाव को कम करने में मदद करता है.
- ग्राउंडिंग तकनीक: पैनिक अटैक के दौरान व्यक्ति अक्सर वास्तविकता से कट जाता है. ग्राउंडिंग तकनीक आपको अपने आसपास के वातावरण से जोड़ने में मदद करती है.
- अच्छी डाइट: कुछ खाद्य पदार्थ पैनिक अटैक को कम करने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, बादाम में पोटेशियम और मैग्नीशियम होता है जो नर्वस सिस्टम को शांत करता है. संतरे का सेवन न्यूरॉन्स को आराम देता है और तनाव को कम करता है. ग्रीन टी में पॉलीफिनॉल होता है, जो तनाव को कम करने में असरदार होता है.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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