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सूरत की रहने वाली हिनाबेन कालरिया 11 जून की रात 10 बजे लंदन से रवाना हुई थी। उनकी फ्लाइट 12 जून की सुबह करीब 12 बजे अहमदाबाद पहुंची थी।
अहमदाबाद में गुरुवार को क्रैश हुए एअर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर प्लेन को लेकर एक महिला यात्री ने दावा किया है उसमें पहले से खराबी थी। क्रैश होने से डेढ़ घंटे पहले महिला उसी प्लेन से लंदन से अहमदाबाद आई थी। महिला का नाम हिनाबेन कालरिया है। वह सूरत की रहने वाली है।
हिनाबेन ने बताया कि लंदन से टेकऑफ के दौरान प्लेन के AC और सभी डिस्प्ले बंद थे। एयर होस्टेस ने इसे तकनीकी गड़बड़ी बताया था। हिनाबेन के मुताबिक, लैंडिंग के वक्त प्लेन से खड़खड़ाहट की आवाज भी आ रही थी, जिससे यात्री डर गए थे।
हिनाबेन 11 जून की रात 10 बजे लंदन से बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर AI-172 से रवाना हुई थीं। यह प्लेन 12 जून की सुबह करीब 12 बजे अहमदाबाद पहुंचा था। फिर दोपहर 1:38 बजे यही प्लेन AI-171 के तौर पर अहमदाबाद से लंदन जाते सिविल हॉस्पिटल की बिल्डिंग से टकराकर समय क्रैश हो गया, जिसमें 265 लोगों की मौत हो गई।

हिनाबेन ने बताया कि लंदन से AI-172 से 12 जून को दोपहर 12 बजे अहमदाबाद पहुंची थीं।
यात्री बोली- पुरानी बस की तरह फ्लाइट से आवाज आ रही थी हिनाबेन ने बताया कि प्लेन के अंदर रखे सभी डिस्प्ले बंद थे। जब हमने यह बात एयर होस्टेस को बताई तो उसने हमसे मोबाइल अपडेट करने को कहा और बताया कि तकनीकी खराबी के कारण डिस्प्ले बंद हो गया है। फिर जब प्लेन अहमदाबाद में लैंड करने वाला था, तो एक खड़खड़ाहट की आवाज आई। आमतौर पर ऐसी आवाज एक पुरानी बस की तरह आवाज आती है।
हिनाबेन प्लेन क्रैश की खबर सुनने के बाद से सदमे में हैं। उन्होंने रोते हुए कहा, ‘मैं इससे पहले अपने बेटे और पति के साथ अहमदाबाद-इजिप्ट की फ्लाइट से लंदन गई थी। उस फ्लाइट में हमें किसी तरह की परेशानी या डर का सामना नहीं करना पड़ा, लेकिन अहमदाबाद की फ्लाइट से उतरते समय मैं काफी डरी हुई थी।’
उन्होंने बताया कि लंदन से अहमदाबाद आते समय मुझ पर तीन बुजुर्गों की जिम्मेदारी थी। उनके परिवारों ने मुझे प्लेन में बुजुर्गों का ध्यान रखने को कहा था। उनके पास फोन भी नहीं थे। एक मुस्लिम महिला भी थी, जिसका हाथ पकड़कर मैंने उन्हें प्लेन के अंदर बैठाया था। अहमदाबाद पहुंचकर मैंने तीनों के परिवारों को बताया कि वे ठीक से पहुंच गए हैं।
‘हादसे से थोड़ी देर पहले सिविल अस्पताल से होकर गुजरी थी’ हिनाबेन ने आगे कहा, ‘अहमदाबाद एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद मेरे पति मुझे सूरत से लेने आए। मैं उनके साथ सूरत के लिए निकली थी। मैं अहमदाबाद सिविल अस्पताल से थोड़ा आगे पहुंची ही थी कि मुझे इस हादसे के बारे में पता चला।’
‘इसके बाद मेरे पास लोगों के फोन आने लगे। अहमदाबाद-लंदन प्लेन क्रैश की तस्वीरें देखकर मैं पूरी रात सो नहीं पाई। मैं द्वारकाधीश का धन्यवाद करती हूं, जिन्होंने मुझे बचा लिया। यह हादसा हमारे साथ भी हो सकता था।’

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