What is the ideal AC temperature to save electricity: भारत में, एयर कंडीशनर का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. ये अब एक लक्जरी आइटम से आम घरेलू डिवाइस बन गया है. हालांकि, इस सुविधा के साथ बिजली के बढ़ते बिलों की चिंता भी आती है. ठंडक बनाए रखने के लिए काफी ऊर्जा की जरूरत होती है, लेकिन कुछ टिप्स को फॉलो कर आप लागत को कम कर सकते हैं. इनमें से एक मुख्य उपाय है एयर कंडीशनर का तापमान सही रखना. आइए जानते हैं कि आदर्श एसी तापमान से बिजली का बिल कैसे बचाया जा सकता है:
1. एसी का तापमान 24-26 डिग्री सेल्सियस पर सेट करें. यह न केवल आरामदायक होता है, बल्कि ऊर्जा की खपत भी कम करता है.
2. नियमित रूप से एसी की सर्विसिंग कराएं. साफ फिल्टर और कूलिंग कॉइल्स एसी की कार्यक्षमता बढ़ाते हैं.
4. एसी का उपयोग करते समय पंखे का भी उपयोग करें. इससे ठंडक जल्दी फैलती है और एसी पर दबाव कम होता है.
5. जब एसी का उपयोग न हो, तो उसे बंद कर दें और बिजली की बचत करें. इन आसान उपायों को अपनाकर आप न केवल अपने बिजली के बिल को कम कर सकते हैं, बल्कि पर्यावरण की भी रक्षा कर सकते हैं.
क्या पुराना AC खाता है ज्यादा बिजली? पुराने एयर कंडीशनर (AC) नए मॉडल्स की तुलना में अधिक ऊर्जा खर्च करते हैं. इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि समय के साथ होने वाला घिसाव, पुरानी तकनीक, और रखरखाव की कमी, जो इनकी कार्यक्षमता को कम कर सकते हैं. समय के साथ, AC के कम्प्रेसर, कॉइल्स और फैन जैसे हिस्से खराब हो सकते हैं, जिससे उनकी परफॉर्मेंस कम हो जाती है और उन्हें वही ठंडक देने के लिए अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है.
पुराने AC मॉडल्स में नई तकनीक जैसे इन्वर्टर टेक्नोलॉजी नहीं होती, जो कूलिंग की जरूरत के हिसाब से कम्प्रेसर की स्पीड को एडजस्ट करती है. फिल्टर और कॉइल्स पर धूल और मलबा जमा होने से एयरफ्लो में रुकावट आ सकती है, जिससे कूलिंग एफिशिएंसी कम हो जाती है और यूनिट को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे ऊर्जा की खपत बढ़ जाती है. पुराने AC यूनिट्स में रेफ्रिजरेंट लीक होने की संभावना अधिक होती है, जो कूलिंग परफॉर्मेंस और ऊर्जा खपत पर बुरा असर डाल सकता है.