
दिल्ली में अपनी सरकार के दौरान मुख्यमंत्री के लिए शीश महल बनवाने वाली आम आदमी पार्टी अब दिल्ली की भाजपाई मुख्यमंत्री के नये आवास को माया महल का नाम दे रही है। हम आपको बता दें कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपनी सरकार के 100 दिन पूरे करने के बाद अपने लिए एक सरकारी आवास क्या तय किया उसे लेकर विपक्षी आम आदमी पार्टी राजनीति करने लग गयी है। दरअसल रेखा गुप्ता जिस तरह मिशन के रूप में दिल्ली की तकदीर और तस्वीर संवारने में जुट गयी हैं उसे देखते हुए उनकी आलोचना का कोई कारण नजर नहीं आ रहा है तो विपक्ष उन्हें अब उनके सरकारी आवास के मुद्दे पर घेरना चाह रहा है। हम आपको बता दें कि रेखा गुप्ता ने अपनी सरकार के पहले 100 दिनों में भाजपा के संकल्प पत्र में किये गये वादे पूरे करने की आधारशिला रखी और कई बड़े दूरगामी निर्णय लिये जिनके परिणाम आने वाले दिनों में राष्ट्रीय राजधानी में देखने को मिलेंगे। दशकों बाद दिल्ली देख रही है कि उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच बिना किसी तरह की खींचतान के भी शासन चल सकता है।
हम आपको बता दें कि मुख्यमंत्री बनने के बाद से अब तक रेखा गुप्ता शालीमार बाग स्थित अपने पारिवारिक आवास पर ही रह रही हैं। अब राज निवास मार्ग पर उन्हें जो सरकारी बंगला आवंटित हुआ है उसे लेकर आम आदमी पार्टी राजनीति कर रही है। हम आपको याद दिला दें कि कांग्रेस शासन के दौरान मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित तो लुटियन्स जोन में सरकारी बंगले में रहती थीं और उसके बाद अरविंद केजरीवाल ने अपने लिये बड़ा शीश महल बनवाया था जिसमें करोड़ों रुपए की लागत से तमाम सुख-सुविधाओं का इंतजाम किया गया था जबकि रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री के प्रोटोकाल के हिसाब से सामान्य बंगला ही आवंटित किया गया है।
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विपक्षी आम आदमी पार्टी ने इस बंगले को लेकर शोर मचाना शुरू कर दिया है और इसे माया महल करार दे रही है। उत्तरी दिल्ली में स्थित इस सरकारी बंगले को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के विधायक अनिल झा ने आरोप लगाया कि “भाजपा हमेशा सादगी से रहने का दावा करती रही है और दूसरी पार्टियों के नेताओं की जीवनशैली पर सवाल उठाती रही है। लेकिन अब हमें विश्वसनीय जानकारी मिल रही है कि मुख्यमंत्री को अगल-बगल के दो बंगले आवंटित किए जाने की संभावना है- 1/8 और 2/8 राज निवास मार्ग, जिनमें से प्रत्येक में 15 कमरे हैं। नवीनीकरण के आदेश पहले ही जारी किए जा चुके हैं।”
इन आरोपों पर दिल्ली सरकार या भाजपा की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। लेकिन जनता जरूरी सवाल पूछ रही है कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के 6 फ्लैगस्टाफ रोड स्थित आवास जिसको “शीश महल” का रूप दिया गया था उसे आम आदमी पार्टी कैसे भूल गयी है? आंदोलन से उपजी आम आदमी पार्टी ने देश को ईमानदार राजनीति का सपना दिखाया था। आंदोलन से उपजी आम आदमी पार्टी ने देश की राजनीतिक व्यवस्था में आमूल चूल परिवर्तन लाने का वादा कर देश में एक नया विश्वास जगाया था। इंडिया अगेंस्ट करप्शन के नेता अरविंद केजरीवाल के तेवर देखकर आम आदमी को लगा था कि भ्रष्टाचार अब तेरी खैर नहीं। अरविंद केजरीवाल ने जब कई बड़े नेताओं पर करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप लगा कर जंतर मंतर पर उनकी फोटो वाला बैनर लगाया था तब जनता को लगा था कि बस यही एक ईमानदार नेता हैं जिसकी देश को जरूरत है। केजरीवाल ने जब जनता के टैक्स से भरने वाले सरकारी खजाने से नेताओं की ऐशो आराम की जिंदगी पर सवाल उठाये थे तब देश को लगा था कि यह व्यक्ति सचमुच क्रांति ला देगा। इसलिए आम आदमी पार्टी को उसके पहले ही प्रयास में जनता ने दिल्ली की सत्ता तक पहुँचा दिया था। लेकिन राजनीति को बदलने के नाम पर पॉलिटिक्स में आये अरविंद केजरीवाल को जल्द ही राजनीति ने ही बदल दिया और अपने तौर तरीकों में ढाल लिया। सत्ता मिलते ही केजरीवाल ने सबसे पहले तो उन नेताओं से गलतबयानी के लिए माफी मांगी जिन पर उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे। उसके बाद उन्होंने अपना जो रूप दिखाया वह देखकर तो पुराने से पुराना राजनीतिज्ञ भी चौंक गया था। वैगन आर जैसी सामान्य कार में चलने वाले केजरीवाल के काफिले में महंगी महंगी गाड़ियां शुमार हो गयीं, सरकारी बंगला और सरकारी सुरक्षा नहीं लेने की बात कह कर राजनीति में आये केजरीवाल ने सरकारी बंगला भी लिया और उसकी साज सज्जा पर करोडों रुपए खर्च कर नया रिकॉर्ड भी बना दिया। केजरीवाल की सुरक्षा वैसे तो दिल्ली पुलिस करती है लेकिन पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद से पंजाब के पुलिसकर्मी भी केजरीवाल की सुरक्षा में तैनात कर दिये गये। केजरीवाल चुनाव प्रचार के लिए चार्टर्ड प्लेन से जाते हैं। सिर्फ केजरीवाल ही नहीं बल्कि उनकी पार्टी के कई बड़े नेताओं पर तमाम तरह के घोटालों के आरोप हैं और वह अक्सर जांच एजेंसियों के समक्ष पेश होते रहते हैं।
बहरहाल, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से सवाल पूछने का पूरा हक विपक्ष को है लेकिन पूछे जाने वाले प्रश्नों का कोई आधार होना चाहिए। नाहक राजनीति करने और बिना तथ्य के आरोप लगाने वाली राजनीति के दिन अब लद चुके हैं, यह बात अगर आम आदमी पार्टी को अब तक समझ नहीं आई है तो यह काफी हैरत की बात है।
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