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आमिर खान की फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ 20 जून को रिलीज हुई है। इस फिल्म के जरिए उन्होंने इस बार एक संवेदनशील और जटिल विषय डाउन सिंड्रोम और न्यूरो डाइवर्जेंस पर प्रकाश डाला है, जिन्हें आमतौर पर गलत समझ लिया जाता है।
इस फिल्म को देखने के बाद एक परिवार ने आमिर खान और उनकी प्रोडक्शन हाउस की खूब तारीफ की और धन्यवाद देते हुए एक भावुक नोट भी लिखा, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे इस फिल्म ने उनके परिवार की पीड़ा और प्रेम को पर्दे पर बखूबी दर्शाया है। साथ ही उनकी जिंदगी को एक नया नजरिया भी दिया।

फिल्म में डाउन सिंड्रोम और न्यूरोडाइवर्जेंस जैसी बीमारी के बारे में दिखाया गया है।
एक शख्स ने बताया कि उनका भाई ऋषभ, जिन्हें सेरेब्रल पाल्सी है, फिल्म देखते हुए बेहद भावुक हो गए। उनकी आंखों में आंसू थे और उन्होंने कहा, ‘ये बिल्कुल हम जैसे हैं ना?।
इस नोट में परिवार ने फिल्म के कुछ विशेष सीन्स का भी जिक्र किया, जिनमें दिव्यांगता को बीमारी नहीं बल्कि एक अलग अनुभव बताया गया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म ने परिवारों के संघर्ष, प्यार और उम्मीदों को वास्तविकता के साथ पर्दे पर दिखाया।
पूरी फिल्म हर लिहाज से एकदम कमाल की थी। फिल्म का हर सीन और डायलॉग ऐसा लग रहा था कि यह सिर्फ एक्टिंग नहीं बल्कि इसे जिया गया हो। लेकिन फिल्म में एक डायलॉग ने वास्तव में हमारे दिलों को छू गया। जब कर्तार सिंह कहते हैं-

मुश्किलें तो होती हैं इन परिवारों में, लेकिन ये घर कभी बूढ़े नहीं होते, क्योंकि ये बच्चे हमेशा अपना बचपना भर देते हैं। जान बस्ती है इनके परिवार की इनमें।
उन्होंने लिखा, आपकी फिल्म ने लोगों के नजरिए को बदल दिया है। दिव्यांगता उनके लिए कमजोरी नहीं, बल्कि एक नई ताकत होगी। इतना ही नहीं इस समय पूरे भारत के घरों में आपकी फिल्म की चर्चा हो रही है। माता-पिता अब अपने दिव्यांग बच्चों को एक नए नजरिए से देखने लगे हैं। भाई-बहन उन भावनाओं को व्यक्त कर रहे हैं। शिक्षक अपने पढ़ाने के तरीकों पर सोच रहे हैं। यहां तक समाज अपनी गलत सोच से लड़ रहा है।

आमिर और जेनेलिया पहली बार स्क्रीन पर साथ नजर आए।
पत्र में आगे बताया गया कि उनका भाई ऋषभ आमिर खान के बहुत बड़े फैन हैं। इस शुक्रवार, 27 जून वह अपना 33वां जन्मदिन मनाने जा रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि किसी दिन उनकी आमिर खान से मुलाकात भी हो सकेगी।
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मूवी रिव्यू- सितारे जमीन पर:डाउन सिंड्रोम की ओर बेहतरीन एक्टिंग और डायलॉग से ध्यान खींचती है आमिर खान की यह फिल्म

कुछ साल पहले ‘तारे जमीन पर’ ने भारतीय सिनेमा में ऐसी छाप छोड़ी थी, जिसकी गूंज आज भी सुनाई देती है। यह दिल छू लेने वाली पहल थी, जिसने डिस्लेक्सिया जैसे विषय को मुख्यधारा की फिल्म में उठाकर उस पर बहस शुरू की थी। पूरी खबर पढ़ें..
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