
Indus Water Treaty: सिंधु जल संधि को खत्म करने के भारत के फैसले से पाकिस्तान में गर्मियों में पानी की भीषण किल्लत हो सकती है. इससे पाकिस्तान बूंद-बूद पानी के लिए तरस सकता है.

हाइलाइट्स
- भारत ने सिंधु जल समझौते को रोकने का ऐलान किया.
- पाकिस्तान में गर्मियों में पानी की कमी हो सकती है.
- भारत सरकार बाढ़ की पूर्व सूचना देना बंद कर सकती है.
नई दिल्ली. पहलगाम की बैसनर घाटी में हुए कायराना आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को जवाब देने के लिए कई कड़े उपायों का ऐलान किया है. इनमें सिंधु नदी जल समझौते को रोकना भी शामिल है. इससे पाकिस्तान में गर्मियों में पानी की कमी होने की आशंका जताई गई है. इस मामले पर एक्सपर्ट्स ने भी अपनी राय जाहिर की है. इंडस कमीशन के पूर्व कमिश्नर और सेंट्रल वाटर कमीशन के पूर्व चेयरमैन कुशविंदर वोहरा से जब ये सवाल पूछा गया कि सिंधु जल समझौते को लेकर क्या भारत सरकार पाकिस्तान को तबाह कर सकता है? तो उन्होंने इस मुद्दे पर चौंकाने वाला बयान दिया.
कुशविंदर वोहरा ने कहा कि सिंधु जल समझौते पर वर्ल्ड बैंक का बहुत सीमित रोल है. ये भारत और पाकिस्तान के बीच समझौता है. इसमें कोई तीसरा देश भारत पर दबाव नहीं बना सकता है. मित्रवत और आपसी रजामंदी के आधार पर ये समझौता है. गुडविल और दोस्ती के आधार पर ये समझौता हुआ था. जब आतंकी घटना को अंजाम दिया गया तो किस बाद का गुडविल? भारत सरकार के पास अधिकार है, जिससे वो चाहे तो पानी रोक सकता है.
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कुशविंदर वोहरा ने भारत सरकार कुछ इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करके पाकिस्तान जाने वाला पानी इस्तेमाल कर सकता है. इससे वेस्टर्न रीवर से पाकिस्तान का ज्यादातर हिस्सा जो सिंध तक है, वहां तक पानी की कमी हो जाएगी. इस समझौते को तोड़ने के लिए ऐसी स्थिति पाकिस्तान ने पैदा किया है. इसके अलावा भारत सरकार चाहे तो बाढ़ की पूर्व सूचना देना बंद कर दे तो पाकिस्तान में बाढ़ से तबाही आ जाएगी. इस तरह देखा जाए तो भारत सरकार चाहे तो पाकिस्तान में पानी को लेकर तबाही के हालात हो जायेंगे.