
Pakistan PM Call NSC Meeting: भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए उसके साथ राजनयिक संबंधों में व्यापक कटौती, 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित करने और अटारी चौकी को बंद किए जाने समेत कई फैसले किए. भारत के एक्शन से घबराए पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक बुलाई है. ऐसी बैठकें ऐसे महत्वपूर्ण अवसरों पर बुलाई जाती हैं जब राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होनी होती है.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि सिंधु जल संधि को स्थगित करने और राजनयिक संबंधों में कटौती करने के भारत के कदम पर उचित जवाब के लिए शीर्ष असैन्य और सैन्य नेतृत्व गुरुवार (24 अप्रैल, 2025) को बैठक करेंगे. आसिफ ने एक बयान में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की एक बैठक आयोजित की जाएगी.’’ उन्होंने कहा कि ‘‘भारतीय कदमों का उचित जवाब देने के लिए’’ निर्णय लिए जाएंगे. इस बैठक में सेना के तीनों अंगों के प्रमुख और प्रमुख कैबिनेट मंत्री शामिल होंगे.
- घबराए शहबाज शरीफ ने इसलिए बुलाई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक?
- मुजफ्फराबाद में जीपीओ ऑफिस के पास धमाका हुआ है. इमारत की खिड़कियां और दरवाजे टूट गए. पुलिस मौके पर पहुंची. किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. बम निरोधक दस्ते को बुलाया को भी बुलाया गया. कानून प्रवर्तन एजेंसियां मौके पर पहुंचीं हैं और जांच जारी है.
- रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में भारतीय कार्रवाई का उचित जवाब तय किया जाएगा लेकिन उससे पहले ही ये धमाके की घटना सामने आ गई. भले ही पाकिस्तान बड़े-बड़े बोल रहा हो लेकिन हकीकत उसे भी पता है, जब भारत एक्शन करेगा तो उसका जवाब देश के पास नहीं होगा.
- पाकिस्तान की पंजाब सरकार में एक मंत्री ने कहा कि उनका देश भारत की ओर से ‘किसी भी संभावित आक्रमण के लिए पूरी तरह से तैयार है’. मंत्री के इस बयान से संकेत मिलता है कि भारत पहलगाम आतंकी हमले को लेकर जवाबी कार्रवाई कर सकता है.
- यह 2019 में पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमला है. पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के सहयोगी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली. ये बात पाकिस्तान भी जानता है कि हमले के तार जुड़ने के बाद भारत उसे नहीं छोड़ेगा.
- इसके अलावा, पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने कुछ दिन पहले कश्मीर को पाकिस्तान की ‘गले की नस’ बताया था. जनरल मुनीर ने 15 अप्रैल को इस्लामाबाद में पहले प्रवासी पाकिस्तानी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है, यह हमारी गले की नस थी, यह हमारी गले की नस रहेगी और हम इसे नहीं भूलेंगे. हम अपने कश्मीरी भाइयों को उनके वीरतापूर्ण संघर्ष में अकेला नहीं छोड़ेंगे.’’ इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, वरिष्ठ मंत्री और विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानी भी शामिल हुए. उनके इस बयान के बाद पहलगाम में आतंकियों ने हमला कर दिया.