
पहलगाम की खूबसूरत बैसरन घाटी, जो एक दिन पहले तक पर्यटकों से गुलजार थी, अब सुरक्षाकर्मियों के कब्जे में है। 26 लोगों की जान लेने वाले भयावह आतंकी हमले के बाद रिसॉर्ट शहर किले में तब्दील हो गया है। सुरम्य घास के मैदान में बिखरे पड़े जूते और सामान कश्मीर में नागरिकों पर हुए सबसे भयानक आतंकी हमले की भयावह कहानी बयां कर रहे हैं।जैसे ही पहलगाम से पर्यटकों का पलायन शुरू हुआ, रिसॉर्ट शहर में एक अजीब सी खामोशी छा गई, जो दिल टूटने की तस्वीर पेश कर रही थी। सेना और अर्धसैनिक बलों को पहलगाम के हर कोने में तैनात देखा गया, क्योंकि सुरक्षाकर्मियों ने हमला करने वाले पांच-छह आतंकवादियों की तलाश में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया। पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने इस नरसंहार की जिम्मेदारी ली है। आपको बता दें कि 19 अप्रैल को पीएम नरेंद्र मोदी का जम्मू कश्मीर दौरा होना था। चिनाब नदीं के पुल का उद्घाटन होना था। लेकिन मौसम विभाग ने चेतावनी दी कि मौसम ठीक नहीं रहेगा। फिर पीएम मोदी का दौरा रद्द कर दिया गया।
इसे भी पढ़ें: All Eyes on Kashmir! आतंकियों ने तो सिर्फ मोदी से बताने को बोला था, एकसाथ आ खड़े हुए 3 भाई, तीनों तबाही
छह सालों में पहली बार जम्मू कश्मीर बंद
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सेना की वर्दी और कुर्ता-पजामा पहने हमलावरों ने घाटी के आसपास के घने देवदार के जंगल से निकलकर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। कुछ जीवित बचे लोगों ने बताया कि आतंकवादियों ने धर्म की पुष्टि करने के लिए पहचान-पत्रों की जांच की और गैर-मुस्लिमों के रूप में पहचाने जाने वालों को गोली मार दी। हालांकि, महिलाओं और बच्चों को बख्श दिया गया। इस बीच, श्रीनगर और कश्मीर के अन्य हिस्सों में बुधवार को बंद रहा, अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से लगभग छह वर्षों में कश्मीर में पहली बार बंद रहा, स्कूल और कॉलेज बंद रहे। कई कश्मीरी भी सड़कों पर उतरे और अपनी पीड़ा व्यक्त की और इस आतंकी हमले की निंदा की, जो घाटी में पर्यटन के चरम मौसम के दौरान हुआ।
टारगेट किलिंग पर फोकस करते हैं संगठन के आतंकी
टीआरएफ कश्मीर में फिर से वही दौर लाना चाहता है, जो कभी 90 के दशक में था। टीआरएफ के आतंकी टारगेट किलिंग पर फोकस करते हैं। वो ज्यादातर गैर-कश्मीरियों को निशाना बनाते हैं, ताकि बाहरी राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर आने से बचें। कई बार कश्मीरी पंडितों को भी निशाना बनाया।
इसे भी पढ़ें: धर्म कुछ भी हो लेकिन…पहलगाम में पर्यटकों को बचाने के लिए भिड़ गया सैयद हुसैन शाह, फिर आतंकियों ने बरसा दी गोली
हमले की टाइमिंग बड़ी साजिश का संकेत
एजेंसी से जुड़े अधिकारियों ने कहा, हमले के लिए जो समय चुना गया है, वह बड़ी साजिश का संकेत देता है । देश में अमेरिकी उपराष्ट्रपति दौरे पर हैं। वक्फ को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध चल रहा है। इसके साथ ही दो महीने बाद अमरनाथ यात्रा शुरू होनी है। पर्यटकों की जबरदस्त आवाजाही से जिस तरह का सकारात्मक माहौल बना है उसे तोड़ने का प्रयास भी पाकिस्तान कर रहा है। बीते काफी समय से घाटी में पाकिस्तान – अप्रासंगिक हो रहा था, इसलिए इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि आईएसआई की शह पर बड़ा हमला करवाया गया।