Manoj Bajpayee fitness secret: मनोज बाजपेयी पिछले 13–14 साल से रात का खाना नहीं खाते, दादा की आदत से प्रेरित होकर इंटरमिटेंट फास्टिंग अपनाई, जिससे वे खुद को ज्यादा फिट और एनर्जेटिक महसूस करते हैं.
मनोज बाजपेयी का कहना है कि उन्होंने अचानक डिनर छोड़ने का फैसला नहीं किया था. शुरू में उन्होंने रात में हल्का खाने की कोशिश की और फिर धीरे-धीरे इसे पूरी तरह बंद कर दिया. आज वे अपनी फूड विंडो सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक रखते हैं. यह इंटरमिटेंट फास्टिंग का एक तरीका माना जाता है, जिसमें व्यक्ति दिन का भोजन केवल एक निश्चित अवधि में ही करता है. मनोज के मुताबिक, इस रूटीन ने उनकी लाइफ में पॉजिटिव बदलाव लाया है. वे खुद को पहले से ज्यादा हल्का, सक्रिय और एनर्जेटिक महसूस करते हैं. उनके अनुसार, रात में खाना न खाने से उनका पाचन बेहतर हुआ है और शरीर पर अनावश्यक बोझ भी नहीं पड़ता.
उन्होंने यह भी बताया कि इस खाने की आदत ने उनके वजन को कंट्रोल में रखने में बड़ी मदद की है. मनोज के अनुसार, जब हम रात में खाना खाते हैं और तुरंत सो जाते हैं, तो शरीर को भोजन पचाने में अधिक समय और ऊर्जा लगती है. वहीं, दिन में खाया गया भोजन आसानी से पच जाता है क्योंकि शरीर पूरे दिन सक्रिय रहता है. यही कारण है कि उन्हें अब वजन बढ़ने की चिंता नहीं रहती. साथ ही, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल जैसे कई पैरामीटर्स भी बेहतर बने हुए हैं. डॉक्टरों के अनुसार भी फिक्स्ड फूड विंडो रखने से शरीर में इंफ्लेमेशन कम हो सकता है, जिससे कई बीमारियों का खतरा घटता है.
हालांकि, मनोज मानते हैं कि हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है और हर किसी को यह तरीका सूट करना जरूरी नहीं है. वे कहते हैं कि जो भी अपने खाने की आदतों में बदलाव करना चाहता है, उसे पहले अपनी लाइफस्टाइल और जरूरतों को ध्यान में रखना चाहिए. मनोज के लिए यह तरीका इसलिए काम कर गया क्योंकि वे लंबे समय से अनुशासित जीवनशैली का पालन करते हैं और उनकी नींद तथा काम का शेड्यूल भी काफी संतुलित रहता है. वे सलाह देते हैं कि बिना विशेषज्ञ की राय के अचानक कोई भी बड़ा बदलाव न करें.
About the Author
विविधा सिंह न्यूज18 हिंदी (NEWS18) में पत्रकार हैं. इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में बैचलर और मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में ये 3 वर्षों से काम कर रही हैं. फिलहाल न्यूज18…और पढ़ें


