1. पत्ते नहीं, डंठल हैं सरसों के साग की जान
बहुत लोग मानते हैं कि साग सिर्फ पत्तों से बनता है, लेकिन ये अधूरी जानकारी है. पूनम देवनानी साफ कहती हैं कि सरसों के साग का पारंपरिक स्वाद डंठल में छुपा होता है.
- डंठल पत्तों से ज्यादा मीठे होते हैं.
- पकने पर ये साग में न सिर्फ बॉडी देते हैं बल्कि स्वाद भी गहरा बनाते हैं.
- स्टेम यानी डंठल में फाइबर ज्यादा होता है जो साग की कंसिस्टेंसी बढ़ाता है.
- यानी पत्ते साथ में जरूरी हैं, लेकिन असली फ्लेवर डंठल से आता है. इसलिए अगली बार साग बनाते समय डंठल को बिना सोचे मत फेंकें.
2. डंठल को काटने का सही देसी तरीका
- डंठल को सीधे काटकर पका देना सही तरीका नहीं है. इनकी बाहरी लेयर थोड़ी सख्त होती है, इसलिए इन्हें हल्का छीलना जरूरी है.
- सबसे पहले डंठल का नीचे वाला हिस्सा थोड़ा काट दें.
- चाकू को हल्के स्लैंट में रखते हुए डंठल की ऊपर की सख्त परत को उतार दें.
- यह परत हटते ही डंठल बिल्कुल मुलायम हो जाता है और पकने पर आसानी से घुलता है.
- वैसे यह स्टेप बहुत लोग छोड़ देते हैं, जबकि यही सबसे जरूरी है. इसी से आपका साग रेस्टोरेंट जैसा स्मूद और फ्लेवरफुल बनता है.
3. छोटे और कोमल पत्ते ही चुनें
- हर पत्ता साग के लिए सही नहीं होता. बड़ी साइज वाले और बहुत गहरे हरे पत्तों में हल्की कड़वाहट होती है.
- हमेशा छोटे, नरम और डंठल से जुड़े हुए पत्ते ही चुनें.
- बड़े पत्तों की मात्रा कम रखें या बिल्कुल न डालें.
- साग की क्वालिटी उसी से तय होती है कि आपने सही पत्ते कितनी सही तरह चुने.
- यह छोटी सी ट्रिक स्वाद को काफी बदल देती है.
4. डंठल और पत्तों को कैसे काटें
- जब आपका डंठल छिलकर तैयार हो जाए, तब काटने की बारी आती है.
- सारे डंठल एक साथ इकट्ठा करें.
- इन्हें 1 से 2 इंच के छोटे टुकड़ों में काट लें.
- चुने हुए पत्तों को हल्का सा तोड़ें या काटें.
- इससे दोनों चीजें एक साथ जल्दी पकती हैं और साग की टेक्सचर एकदम परफेक्ट रहती है.

5. अच्छे से धोना बहुत जरूरी
- हरी सब्जियों में मिट्टी ज्यादा होती है, इसलिए इन्हें धोने में लापरवाही नहीं करनी चाहिए.
- कटे हुए डंठल और पत्तों को बहते पानी में दो से तीन बार धोएं.
- चाहें तो नमक वाले पानी में 10 मिनट भिगो भी सकते हैं.
- ये स्टेप हेल्थ और टेस्ट दोनों के लिए जरूरी है.
6. साग में सिर्फ सरसों मत डालें, ये ग्रीन मिलाएं
- पुराने देसी तरीके में सरसों के साथ हमेशा बथुआ या पालक मिलाया जाता था.
ये दो फायदे देता है. - सरसों की कड़वाहट बैलेंस होती है.
- पौष्टिकता दोगुनी हो जाती है.
- इसलिए 70% सरसों, 20% बथुआ और 10% पालक का मिक्स बिल्कुल परफेक्ट बैलेंस माना जाता है.
7. डंठल से बनेगा एकदम गाढ़ा और देसी फ्लेवर वाला साग
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- जब आप डंठल का इस्तेमाल करते हैं, तो साग का टेक्सचर एकदम क्रीमी और स्मूथ बनता है.
- डंठल पकने पर आसानी से गल जाते हैं.
- घुटते समय पत्तों से ज्यादा बॉडी देते हैं.
- साग का असली, देसी और ट्रडिशनल स्वाद इन्हीं से आता है.
- पंजाबी दादियों की रेसिपी में भी डंठल का रोल सबसे ज्यादा बताया गया है.
8. एक्स्ट्रा टिप्स जो साग को और भी कमाल का बना दें
- डंठल को छीलना कभी न भूलें.
- बड़े पत्तों का इस्तेमाल कम से कम करें.
- साग उबालने के बाद लकड़ी के मदानी से अच्छे से घोटें.
- इसमें थोड़ा मक्का का आटा डालने से कंसिस्टेंसी और बढ़िया होती है.
- घी में लहसुन, अदरक और लाल मिर्च का तड़का लगाने पर फ्लेवर दोगुना हो जाता है.
सरसों का साग तभी असली स्वाद देता है जब आप इसमें डंठल का पूरा इस्तेमाल करते हैं और पत्तों की सही सलेक्शन करते हैं. पूनम देवनानी का ये देसी तरीका न सिर्फ साग को और स्वादिष्ट बनाता है, बल्कि आपको असली, परंपरागत स्वाद भी देता है. अब चाहे सर्दी हो या पार्टी, साग हमेशा आपके किचन का स्टार डिश बनेगा.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)


