डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा, ‘आपके सहयोग से हमने राज्य में कांग्रेस की सरकार बनाई है. हम जनता की सेवा कर रहे हैं. जनता को हम पर भरोसा है. हमने जो भी वादे किए हैं, उन्हें पूरा करके दिखाएंगे. सिद्धारमैया विजन और लीडरशिप में सरकार बनी है. 8 दिसंबर को विधानसभा का सत्र है, उसमें विपक्ष का सामना कैसे करना है, इस पर हमने रणनीति पर चर्चा की है. हम विपक्ष को अपना नया रूप दिखाएंगे. नेतृत्व को लेकर जो भी हाईकमान ने कहा, हमने वही किया. आगे भी वही करेंगे.’ डीके शिवकुमार ने आगे कहा, ‘हम हमेशा पार्टी के वफादार सिपाही रहे हैं. देशभर में कांग्रेस की स्थिति मुश्किल है, लेकिन कर्नाटक इसमें अहम भूमिका निभाएगा. मल्लिकार्जुन खड़गे जी के नेतृत्व में हम 2028 में कांग्रेस को फिर से सत्ता में लाएंगे. पार्टी में किसी तरह के गुट नहीं हैं. मुझे गुटबाज़ी की ज़रूरत नहीं. डिप्टी सीएम ने कहा, ‘अगर हाईकमान ने इंतज़ार करने को कहा, तो मैंने इंतज़ार किया. आगे भी करूंगा. हाईकमान जो कहेगा, हम वही करेंगे. हम पार्टी को मज़बूत बनाएंगे, ताकि 2028 में फिर से सत्ता में लौट सकें. अगर हाईकमान हमें दिल्ली बुलाया जाएगा, तो हम दिल्ली जाएंगे. जहां तक बीजेपी के अविश्वास प्रस्ताव की बात है, वे जो करना चाहें करें. हम सत्तारूढ़ पार्टी के तौर पर तैयार हैं. उनके ही नहीं, पूरे राज्य और देश के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं.’
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में चल रहे सत्ता संघर्ष और तमाम तरह की अटकलबाजी के बीच ब्रेकफास्ट पॉलिटिक्स का फॉर्मूला अपनाया गया, ताकि सिद्दारमैया और डीके शिवकुमार के बीच जमी बर्फ पिघल सके. सुबह का नाश्ता करने के बाद सिद्दारमैया ने इसकी पुष्टि भी की. सीएम सिद्दारमैया ने बताया कि शिवकुमार से नाश्ते पर छोटी सी मुलाकात हुई और कर्नाटक राज्य की प्राथमिकताओं पर चर्चा हुई. बताया जा रहा है कि आलाकमान ने दोनों नेताओं को दिल्ली बुलाया है, जहां शायद कर्नाटक कांग्रेस में जारी सत्ता संघर्ष को लेकर सर्वमान्य समाधान निकाला जाए. उधर, डीके शिवकुमार ने भी एक्स पर पोस्ट कर कहा कि सीएम सिद्दारमैया के साथ सार्थक बातचीत हुई.
नाश्ते के मेन्यू में क्या-क्या था?
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार नेतृत्व के मुद्दे पर गतिरोध को दूर करने के उद्देश्य से शनिवार को नाश्ते पर मुलाकात के लिए मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के आवास कावेरी पहुंचे थे. सिद्धरमैया यह दावा कर रहे हैं कि उन्हें पूरे पांच साल के लिए मुख्यमंत्री बने रहने का जनादेश मिला है, जबकि शिवकुमार ने संकेत दिया कि उनसे वादा किया गया था कि उन्हें ढाई साल बाद सत्ता की कमान सौंपी जाएगी. नेतृत्व परिवर्तन का मुद्दा पिछले दो महीनों से जारी है, लेकिन 20 नवंबर को कांग्रेस सरकार के ढाई साल पूरे होने के बाद यह और तेज हो गया. कांग्रेस आलाकमान ने शुक्रवार को मामले में हस्तक्षेप किया और दोनों नेताओं से बातचीत कर इस मुद्दे को सुलझाने को कहा था. इसके बाद शुक्रवार को सिद्धरमैया ने शिवकुमार को नाश्ते पर मिलने के लिए अपने आवास बुलाया था. मुख्यमंत्री आवास के लिए रवाना होने से पहले शिवकुमार ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा था कि वह सिद्धरमैया के आवास से निकलने के बाद ही बात करेंगे. कर्नाटक मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि नाश्ते के मेन्यू में इडली, वड़ा, सांबर, चटनी और उपमा शामिल थे.


