Srilanka Flood के दौरान चारों तरफ चीख-पुकार सुनाई दे रही है. कई इलाकों में पूरे-पूरे गांव डूब चुके हैं, 56 जानें चली गई हैं और अभी तक 60 लोगों का कोई अता-पता नहीं है. इस बीच जिस अशोक वाटिका में सीता मां रही थीं, वहां के हालातों पर भी अपडेट सामने आया है. Nuwara Eliya में भी इंद्र का प्रकोप देखने को मिल चुका है.
क्या हैं अशोक वाटिका के हालात?
श्रीलंका के कई इलाकों में बाढ़ का मंजर देखने को मिल रहा है लेकिन सबसे खराब हालात मध्य पर्वतीय इलाकों में बताए जा रहे हैं. यहीं पर बादुल्ला और नुवारा एलिया है, बताया जा रहा है कि इन इलाकों में लगातार भूस्खलन हो रहे हैं और कई घर जमींदोज हो गए हैं. बताया जा रहा है कि इन चाय उत्पादन क्षेत्रों नें बाढ़ सबसे ज्यादा जानें ले चुकी है और अभी तक हालात सुधरते दिखाई नहीं दे रहे हैं.
श्रीलंका के लिए नुवारा एलिया की अहमियत
बता दें कि श्रीलंका में अशोक वाटिका नुवारा एलिया जिले के सीता एलिया में स्थित है, जो हकगला बॉटनिकल गार्डन के पास है. ये इलाका श्रीलंका की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है. यहां पर चाय के बागान हैं और इसके अलावा नुवारा एलिया पर्यटन केंद्र भी है. ऐसे में इस इलाके में बाढ़ के नुकसान ने श्रीलंका को तगड़ा झटका दिया है.
बाकी इलाकों में भयानक जलभराव और लगातार भूस्खलन
श्रीलंका के दूसरे हिस्सों की बात करें तो कई मुख्य सड़कें भूस्खलन की वजह से टूट गई हैं, पानी भरने की वजह से मुख्यमार्ग पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं. इसके अलावा रेलवे ट्रैक पर भयंकर जलभराव की स्थित देखते हुए कई ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं.
इस बीच राहत बचाव कार्य तेजी से चल रहा है. हेलीकॉप्टरों से छतों पर फंसे लोग निकाले जा रहे हैं और नौसेना की टीमें नावें लेकर बाढ़ में फंसे लोगों तक पहुंच रही हैं.
बताया जा रहा है कि पिछले 24 घंटों में 300 मिलिमीटर (11.8 इंच) से ज्यादा बारिश हुई है. इसके कारण कई इलाकों में लगातार भूस्खलन हो रहे हैं. डिज़ास्टर मैनेजमेंट सेंटर (DMC) ने एक बयान में कहा कि देश भर में 43,991 लोगों को स्कूलों और दूसरे पब्लिक शेल्टर में पहुंचाया गया. अभी सैकड़ों परिवार छतों और बाढ़ में फंसे हुए हैं, उनको बचाने की प्रक्रिया जारी है.


