IND vs SA: भारतीय क्रिकेट टीम की दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 0-2 की टेस्ट सीरीज हार ने देशभर में बहस छेड़ दी है. गुवाहाटी के बारसापारा स्टेडियम में टीम इंडिया को मिली 408 रनों की शर्मनाक हार के बाद अब टीम के सपोर्ट स्टाफ और चयन नीति पर सवाल उठने लगे हैं. इसी बीच दिल्ली कैपिटल्स के सह-मालिक पार्थ जिंदल ने सोशल मीडिया पर BCCI को सीधा संदेश देते हुए टीम की तैयारी को लेकर सख्त टिप्पणी की है.
पार्थ जिंदल का BCCI को कड़ा संदेश
पार्थ जिंदल ने X पर लिखते हुए कहा कि यह हार बताती है कि भारत को टेस्ट क्रिकेट के लिए एक स्पेशलिस्ट रेड-बॉल कोच की जरूरत है. उन्होंने कहा, “घर में इस तरह की हार… मुझे नहीं याद आखिरी बार ऐसी कमजोरी कब दिखी थी. जब रेड-बॉल स्पेशलिस्ट को मौका नहीं देंगे तो यही होगा. टीम में टेस्ट फॉर्मेट की असली ताकत झलक ही नहीं रही है. भारत को तुरंत टेस्ट के लिए अलग कोच नियुक्त करना चाहिए.”
जिंदल की यह टिप्पणी सीधे तौर पर संकेत देती है कि मौजूदा कोचिंग सेटअप को लेकर IPL फ्रेंचाइजी मालिक भी चिंतित हैं.
गंभीर ने किसी एक खिलाड़ी को नही ठहराया दोषी
मुख्य कोच गौतम गंभीर ने हार के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसी एक खिलाड़ी पर उंगली नहीं उठाई. हालांकि उनकी बातों से यह साफ था कि वे कप्तान ऋषभ पंत के “गैलरी को खुश करने वाले शॉट” पर बेहद खफा हैं.
भारत ने 95/1 से अच्छी शुरुआत की थी, लेकिन मार्को यानसन के शानदार स्पेल के बाद स्कोर 122/7 हो गया. इसी दौरान पंत ने भी एक गैर-जरूरी आक्रामक शॉट खेलकर विकेट गंवा दिया. जिसने मैच पूरी तरह साउथ अफ्रीका की ओर मोड़ दिया.
गंभीर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “एक शॉट पर किसी खिलाड़ी को दोष नही दे सकते हैं. हर एक खिलाड़ी की जिम्मेदारी है. हमें रेड-बॉल क्रिकेट में बहुत सुधार करना होगा-चाहे मानसिक रूप से, तकनीकी रूप से या टीम के लिए त्याग करने की बात हो. सबसे जरूरी है की गैलरी के लिए नहीं खेलना चाहिए.”
भारत की टेस्ट फॉर्म पर बढ़ते सवाल
एक साल में घर पर दूसरी टेस्ट सीरीज हार ने भारत की ताकत पर बड़ा सवाल खड़ा किया है. पिछले वर्ष न्यूजीलैंड ने टीम इंडिया को 3-0 से हराया था और अब साउथ अफ्रीका ने भी क्लीन स्वीप कर दिया. ऐसे में यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या भारत को अब टेस्ट क्रिकेट के लिए अलग कोचिंग और चयन प्रणाली अपनानी चाहिए?


