समय रैना व अन्य पर विकलांगों का मजाक उड़ाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए कि वे महीने में दो बार दिव्यांगजनों के लिए कार्यक्रम आयोजित करें और जागरूकता बढ़ाएं.
सुप्रीम कोर्ट ने समय रैना समेत 5 हास्य कलाकारों व सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर को निर्देश देते हुए कहा है कि महीने में दो बार दिव्यांगजनों के लिए एक कार्यक्रम आयोजित करना होगा. जिसका उद्देश्य ऐसे जरुरतमंद लोगों का सम्मान बढ़ाना और जागरुकता फैलाना होगा.
नेत्रहीन का मजाक उड़ाने का मामला
दरअसल, समय रैना व अन्य ने एक वीडियो में शारीरिक विकलांगता का मज़ाक उड़ाया था. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में इस केस पर सुनवाई हुई. जहां कोर्ट ने साफ कहा कि अपने मंच का उपयोग सम्मान को बढ़ावा देने, जागरूकता बढ़ाने और चिकित्सा देखभाल के लिए फंड्स जुटाने के लिए करें. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट 4 हफ्ते बाद अगली सुनवाई करेगा.
समय रैना ने क्या कहा था
एक एनजीओ ने समय रैना पर स्टैंड-अप कॉमेडी शो में स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी (SMA) से पीड़ित एक नेत्रहीन नवजात का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया था. एनजीओ ने कोर्ट में बताया था कि कैसे समय रैना ने स्टैंडअप कॉमेडी के दौरान सिर्फ 2 महीने के बच्चे का मजाक उड़ाया. उन्होंने कहा था कि 2 महीने के बच्चे के इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये एक इंजेक्शन चाहिए था. सोचिए जिसे भी पैसे मिलेंगे वो मां भी सोच रही होगी कि महंगाई बढ़ गई है. पता नहीं इंजेक्शन देने के बाद भी बच्चा सही होगा कि नहीं. इस बयान को याचिका में परेशान करने वाला बताया गया था.

न्यूज 18 हिंदी में सीनियर सब एडिटर के तौर पर काम कर रहीं वर्षा का डिजिटल मीडिया में 8 सालों का अनुभव है। एंटरटेनमेंट रिपोर्टिंग, लेखन, फिल्म रिव्यू, इंटरव्यू और विश्लेषण इनकी विशेषज्ञता है। वर्षा ने जामिया मिल्…और पढ़ें
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