
पुतिन ने शनिवार को अपने जनरल स्टाफ प्रमुख वालेरी गेरासिमोव के साथ बैठक के दौरान घोषणा की कि मानवीय आधार पर रूस 30 घंटे के लिए सैन्य गतिविधियां रोक देगा. यह युद्धविराम रविवार रात 10 बजे BST (मास्को समय अनुसार सोमवार रात 12 बजे) तक लागू रहेगा. पुतिन ने उम्मीद जताई कि यूक्रेन भी इसका पालन करेगा, लेकिन साथ ही अपने सैनिकों को किसी भी ‘उकसावे या उल्लंघन’ का जवाब देने के लिए तैयार रहने का आदेश भी दिया.
पुतिन के ऑफर पर क्या बोले जेलेंस्की?
हालांकि, यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने साफ किया कि अगर रूस वास्तव में ‘पूर्ण और बिना शर्त की चुप्पी’ चाहता है, तो यूक्रेन भी वैसा ही करेगा. लेकिन उन्होंने आरोप लगाया कि पुतिन की घोषणा के कुछ घंटों बाद ही रूस ने युद्धविराम का उल्लंघन कर दिया.
जेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘हमारे कदम रूस के कदमों के अनुरूप होंगे. हमारी ओर से 30 दिन की पूर्ण और बिना शर्त युद्धविराम की पेशकश अब भी मेज पर है- इसका जवाब अब मास्को से आना चाहिए.’ उन्होंने बताया कि रूस के बेलगोरोद और कुर्स्क इलाकों में अब भी युद्ध जारी है और रूसी ड्रोन सक्रिय हैं. कुछ क्षेत्रों में जरूर थोड़ी शांति है, लेकिन यह अस्थायी है.
यूक्रेन के विदेश मंत्री आंद्रेई सिबीहा ने भी पुतिन के 30 घंटे के युद्धविराम पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘पुतिन अब युद्धविराम की बात कर रहे हैं- 30 दिन के बजाय सिर्फ 30 घंटे. दुर्भाग्य से, उनके शब्दों और कार्यों में अक्सर मेल नहीं होता. हम उनके बयानों पर नहीं, बल्कि उनके कामों पर विश्वास करेंगे.’
ट्रंप सरकार की चेतावनी के बाद पुतिन का कदम
इस बीच, अमेरिका की ओर से भी रूसी रुख पर सवाल खड़े हुए. डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि अगर रूस-यूक्रेन वार्ता में जल्द कोई ठोस प्रगति नहीं होती, तो अमेरिका इस प्रक्रिया से ‘हट जाएगा’. ट्रंप ने स्पष्ट कहा कि ‘हमें अब कुछ दिनों में तय करना होगा कि यह प्रक्रिया वाकई कोई दिशा ले रही है या नहीं. अगर नहीं, तो हम आगे बढ़ जाएंगे.’
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी कहा कि अमेरिका इस प्रयास में ‘हफ्तों और महीनों तक उलझा नहीं रहेगा’ क्योंकि उसके पास अन्य प्राथमिकताएं हैं. दरअसल, पिछले महीने रूस ने अमेरिका और यूक्रेन द्वारा प्रस्तावित पूर्ण और बिना शर्त युद्धविराम को खारिज कर दिया था.
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब रूस की ओर से इस तरह के ‘सीज़फायर’ की घोषणा की गई हो. जनवरी 2023 में ऑर्थोडॉक्स क्रिसमस के दौरान भी युद्धविराम की कोशिश की गई थी, लेकिन दोनों पक्षों की आपसी सहमति न बन पाने से वह प्रस्ताव विफल हो गया था.
ब्रिटेन के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने भी पुतिन पर निशाना साधते हुए कहा, ‘अब वक्त है कि पुतिन अगर शांति को लेकर गंभीर हैं, तो वह सिर्फ ईस्टर के लिए एक दिन का विराम नहीं, बल्कि पूरी तरह युद्ध समाप्त करने का ऐलान करें- जैसा कि यूक्रेनी सरकार मांग कर रही है.’
रूस ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण किया था. तब से लेकर अब तक लाखों लोग मारे जा चुके हैं या घायल हुए हैं, जिनमें बड़ी संख्या सैनिकों की है.
इन सबके बीच पुतिन की यह 30 घंटे की ‘ईस्टर ट्रूस’ की घोषणा न सिर्फ संदेह के घेरे में है, बल्कि इसे शांति की वास्तविक कोशिश से ज्यादा एक राजनीतिक चाल और अंतरराष्ट्रीय दबाव से निकलने का प्रयास माना जा रहा है… और यूक्रेन ने इसे कुछ ही घंटों में बेनकाब कर दिया.