
Do Patti Movie Review: ‘दो पत्ती’ की कहानी में कुछ भी नया नहीं है. वही पुरानी कहानियों को मिलाकर सस्पेंस क्रिएट करने की कोशिश की गई है. काजोल भी फिल्म में पुलिस ऑफिसर के रोल में फिट नहीं बैठती हैं. कृति डबल रोल…और पढ़ें

दो पत्ती (नेटफ्लिक्स) 1.5
Starring: काजोल, कृति सेनन, शाहीर शेख, बृजेंद्र काला, चितरंजन त्रिपाठी, तनवी आजमी, प्राची शाह पांड्या और अन्यDirector: शशांक चतुर्वेदीMusic: अनुराग सैकिया
काजोल और कृति सेनन की फिल्म ‘दो पत्ती’ आज नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गई है. इस फिल्म का ट्रेलर देखने के बाद लगा था कि फिल्म में कुछ नया देखने को मिलेगा, लेकिन यह उन उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी. फिल्म की कहानी ऐसी है कि देखते ही समझ में आ जाता है कि यह कई पुरानी कहानियों को मिलाकर आपको परोसी गई है. साथ ही काजोल ने अपने किरदार से भी निराश किया है. वह पुलिस ऑफिसर का किरदार उस तरह से नहीं निभा पाईं, जिससे वह प्रभावित होतीं.
तो चलिए, सबसे पहले आपको बताते हैं कैसी फिल्म की कहानी? दरअसल, यह दो जुड़वा बहनों पर बेस्ड कहानी है सौम्या सूद और शैली सूद. इन दोनों की भूमिका में आपको कृति सेनन नजर आएंगी. कृति ने अभिनय के साथ-साथ इस फिल्म को कनिका सिंह ढिल्लों के साथ मिलकर प्रोड्यूस भी किया है. फिल्म की कहानी में सौम्या और शेली के बीच उनके प्यार को लेकर तकरार दिखाई गई है. जहां दोनों की जिंदगी तबाह हो जाती है.
दोनों ही बहनें एक दूसरे से काफी अलग हैं. एक शांत है तो दूसरी शातिर. इन दो बहनों के बीच फंस जाता है ध्रूव सूद, जिनकी भूमिका में आपको शाहीर शेख नजर आएंगे. आखिर सौम्या, शैली और शाहीर शेख के बीच ऐसा क्या होता है कि मामला पुलिस ऑफिसर विद्या ज्योति के पास पहुंच जाता, जिनकी भूमिका में काजोल हैं. जैसा कि पहले भी बताया कि काजोल एक पुलिस ऑफिसर के किरदार फिल्म में फिट नहीं बैठ रही हैं.
काजोल की डायलॉग डिलीवरी ऐसी है कि बनावटी लगती है. काजोल को इस रोल के लिए थोड़ा और प्रैक्टिस करने की दरकार थी. आज वेब सीरीज में ऐसी भूमिका कइयों ने निभाई है, लेकिन काजोल द्वारा निभाई गई भूमिका में कुछ कमी खलती नजर आती है. वहीं, बात करें कृति सेनन की तो उनकी अभिनय आपको जरूर पसंद आएगी, लेकिन दोहरी भूमिका में वह कहीं न कहीं मार खा रही हैं. कृति दोनों ही रोल में एक जैसी ही नजर आती हैं.
डायरेक्शन की बात करें तो शशांक चतुर्वेदी की कई कमियां नजर आती हैं. वे चाहते तो पहले पार्ट को और मजेदार बना सकते थे, क्योंकि पहले पार्ट में फिल्म अपनी रफ्तार में काफी धीमी नजर आती है, लेकिन दूसरे पार्ट तक आते-आते यह अपनी रफ्तार पकड़ लेती है. साथ ही फिल्म में कुछ सीन जबरदस्ती ठूंसे गए हैं, जो फिल्म को थोड़ा बोरिंग बनाते हैं. अगर आप टाइम पास करना चाहते हैं तो आप इसे एक बार देख सकते हैं. मेरी ओर से फिल्म 1.5 स्टार.