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जब भी ज़हरीले जीव की बात आती है, तो हमारे दिमाग में सबसे पहले सांप की छवि उभरती है. हालांकि आज हम आपको एक ऐसे जीव के बारे में बताने जा रहे हैं, जो किंग कोबरा से भी 100 गुना ज्यादा तेज़ ज़हर छोड़ता है और उसके वि…और पढ़ें

सांप से ज्यादा तेज़ है किस जीव का ज़हर.
हम सांपों का नाम सुनकर ही सिहर जाते हैं और अगर कहीं ये किसी को डंस ले, तो हालत ऐसी होती है कि इंसान अपनी मौत पक्की मान बैठता है. उसमें भी किंग कोबरा अगर किसी को काट ले, तो उसे जल्दी से इलाज न मिले, तो उसका जीवित रहना नामुमकिन हो जाता है. हालांकि इलाज तो इसका भी है लेकिन आज हम आपको जिस जीव के बारे में बताएंगे, उसके डंक का कोई इलाज नहीं है.
जब भी ज़हरीले जीव की बात आती है, तो हमारे दिमाग में सबसे पहले सांप की छवि उभरती है. हालांकि आज हम आपको एक ऐसे जीव के बारे में बताने जा रहे हैं, जो किंग कोबरा से भी 100 गुना ज्यादा तेज़ ज़हर छोड़ता है. दिलचस्प बात ये है कि ये होता तो छोटा सा है लेकिन 20 वयस्कों को मारने का ज़हर इसके अंदर होता है.
20 इंसानों को सुला सकता है मौत की नींद
यहां जिस जीव की बात हो रही है, उसका नाम इरुकांजी जेलीफिश है, जो ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी क्षेत्र में पाई जाती है. यह जेलीफिश अपने जहरीले डंक के लिए दुनिया भर में जाना जाता है. अपने तेज़ विष की वजह से ही इसे‘दुनिया की सबसे ज़हरीली जेलीफिश’ (Deadliest Jellyfish) का दर्जा हासिल है. इरुकांजी जेलीफिश ने अगर डंक मार दिया, तो बहुत तेज़ और असहनीय दर्द होता है, जो कई दिनों तक रह सकता है. इसे ‘इरुकांजी सिंड्रोम’ के नाम से जाना जाता है, जिससे पीड़ित की मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ सकता है. उसे डिप्रेशन और आत्महत्या के ख्याल आने लगते हैं.
नहीं है विष का कोई तोड़
ये समुद्री जेलीफिश आकार में बहुत ही छोटी होती है और लगभग 1 सेंटीमीटर तक बढ़ सकती है. चूंकि इरुकांजी का शरीर पारदर्शी होता है, तो ये अदृश्य ही होती है. वो बात अलग है कि पांव पड़ने पर ये इतना तेज़ जहर छोड़ती है कि इंसान की जान ले ले. खौफनाक बात ये भी है कि इरुकांजी जेलीफिश के विष का कोई तोड़ नहीं. अब तक इसके लिए कोई एंटीडोट नहीं बना है.