
नई दिल्ली: सोने की कीमत गुरुवार को पहली बार 3100 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंच गई। पिछले 12 महीने में इसका मार्केट कैप 7 ट्रिलियन डॉलर बढ़ा है जो भारत की जीडीपी से करीब दोगुना है। इसका मार्केट कैप 21 ट्रिलियन डॉलर के करीब पहुंच चुका है जो चीन की इकॉनमी से ज्यादा है। सोने की कीमत इस साल के पहले तीन महीने में ही 15 बार अपना रेकॉर्ड तोड़ चुकी है। ग्लोबल इकॉनमी में अनिश्चितता बढ़ने से सोने की कीमत बढ़ी है। दुनिया के दो सबसे बड़ी इकॉनमी वाले देशों अमेरिका और चीन के बीच व्यापार को लेकर तनाव बढ़ता जा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऑटो आयात पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है जिससे सोने की चमक बढ़ गई है। जानकारों का मानना है कि सोने की कीमतें अभी और बढ़ेंगी।MCX में 4 अप्रैल की डिलीवरी वाला सोना दोपहर 2.30 बजे 372 रुपये यानी करीब 0.42 फीसदी तेजी के साथ 88,756 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर ट्रेड कर रहा था। दिन के कारोबार में यह 89,060 रुपये तक गया। 3 अक्तूबर की डिलीवरी वाला सोना 91,372 रुपये तक गया। सोने की कीमत में इस साल अब तक लगभग 16 प्रतिशत की तेजी आई है। इसकी मुख्य वजह भारत, चीन, पोलैंड और तुर्की जैसे देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की भारी खरीदारी और भू-राजनीतिक तथा आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच निवेशकों द्वारा सुरक्षित निवेश की तलाश है। व्यापार में तनाव और महंगाई की चिंता के कारण निवेशक सोने को सुरक्षित ठिकाना मान रहे हैं। माना जा रहा है कि नए वित्त वर्ष में भी भू-राजनीतिक तनाव, फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें घटाने की उम्मीद और केंद्रीय बैंकों की मांग से सोने को समर्थन मिलेगा।
आगे कैसी रहेगी चाल
जानकारों का कहना है कि फाइनेंशियल ईयर 2026 की कीमतें वैश्विक महंगाई के रुझान, फेडरल रिजर्व की नीतियों और भारत से जुड़े कारकों से प्रभावित होंगी। लगातार उच्च महंगाई सोने को एक सुरक्षित निवेश के रूप में और मजबूत करेगी। घरेलू बाजार में डॉलर-रुपये का एक्सचेंज रेट भी एक बड़ी भूमिका निभाएगा। कमजोर रुपये से सोने का आयात महंगा हो जाएगा जिससे घरेलू कीमतें बढ़ जाएंगी। मजबूत वैश्विक रुख के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोने की कीमत 365 रुपये बढ़कर 91,050 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। बुधवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 90,685 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।