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HDR 2025 का थीम है- ‘A Matter of Choice: People and Possibilities in the Age of AI’
यूनाइटेड नेशन डिवेलपमेंट प्रोग्राम (UNDP) ने मंगलवार (6 मई) को 2025 ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट (HDR) जारी की। इस रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग 3 स्थान सुधरी है। अब भारत 193 देशों में 130वें स्थान पर पहुंच गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 से 2023 के बीच भारत की रैंकिंग 133 से बढ़कर 130 हुई। लेकिन असमानता के कारण भारत का HDI 30.7% तक घटने से रैंकिंग में ज्यादा सुधार नहीं है।
यह पर्सेन्ट एशिया में सबसे ज्यादा है। हालांकि हेल्थ और एजुकेशन में असमानता कम हुई है, लेकिन इनकम और जेंडर इनीक्वालटी अभी भी चिंता का विषय है।
जानिए रिपोर्ट की 7 मुख्य बातें…
- महिलाओं की लेबर पार्टिसिपेशन और पॉलिटिकल लीडरशिप कम है।
- कुछ समय पहले हुए संवैधानिक संशोधन (महिलाओं के लिए एक-तिहाई विधाई सीटों को रिजर्व करना) एक बड़ा कदम है।
- HDI वैल्यू 0.676 से बढ़कर 0.685 हो गई। भारत अब भी मीडियम ह्यूमन डेवलपमेंट कैटेगरी में है लेकिन हाई ह्यूमन डेवलपमेंट (HDI = 0.700) की सीमा के करीब पहुंच गया है।
- भारत में औसत उम्र 71.7 वर्ष से बढ़कर 72.0 वर्ष हो गई है, जो अब तक की सबसे अधिक है।
- एक्सपेक्टेड स्कूलिंग एज में कोई खास अंतर नहीं आया (12.96 से 12.95)।
- राइट टू एजुकेशन एक्ट, समग्र शिक्षा अभियान, और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 जैसे योजनाओं की बदौलत शिक्षा में सुधार हुआ है। लेकिन गुणवत्ता और लर्निंग आउटकम्स में सुधार की जरूरत है।
- भारत की पर्चेजिंग पावर पैरिटी (PPP) USD 8475.68 से बढ़कर USD 9046.76 हो गई है।

1990 से अब तक 53% बढ़ा ह्यूमन डिवेलपमेंट इंडेक्स रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का HDI वैल्यू 1990 से अब तक 53% से अधिक बढ़ा है, जो वैश्विक और दक्षिण एशिया में एवरेज से तेज है। यह आर्थिक विकास और सोशल स्कीम की वजह से संभव हो सका।
1990 में औयत उम्र 58.6 वर्ष थी जो अब 72 वर्ष हो चुकी है। इसमें राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, आयुष्मान भारत, जननी सुरक्षा योजना, और पोषण अभियान जैसे कार्यक्रमों की अहम भूमिका रही है।
1990 से चार गुना बढ़ी देश की प्रति व्यक्ति आय आर्थिक मोर्चे पर भारत की प्रति व्यक्ति 1990 में USD 2167.22 थी, जो 2023 में USD 9046.76 हो गई। यानी चार गुना से अधिक वृद्धि।
रिपोर्ट में कहा गया कि MGNREGA, जन धन योजना, और डिजिटल समावेशन जैसी योजनाओं ने गरीबी घटाने में मदद की है। 2015-16 से 2019-21 के बीच 13.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले।
भारत में AI स्किल पेनिट्रेशन सबसे ज्यादा रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में AI स्किल्स पेनिट्रेशन सबसे अधिक है और अब 20% भारतीय AI रिसर्चर देश में ही रुक रहे हैं, जबकि 2019 में यह संख्या लगभग जीरो थी।
AI का इस्तेमाल कृषि से लेकर स्वास्थ्य तक कई क्षेत्रों में हो रहा है। UNDP के सर्वे के अनुसार, 70% लोग मानते हैं कि AI प्रोडक्टिविटी बढ़ाएगा, और 64% का मानना है कि यह रोजगार के नए अवसर लाएगा, खासकर युवाओं के लिए।
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