

शादी के बाद डिमेंशिया का खतरा?
शादी के बंधन में बंधने का फैसला जिंदगी के कुछ जरूरी और सबसे बड़े फैसलों में से एक होता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि शादी करने के बाद आपको दिमाग से जुड़ी एक गंभीर बीमारी होने का खतरा बढ़ सकता है। अल्जाइमर एसोसिएशन के जर्नल में पब्लिश हुई एक नई रिसर्च के मुताबिक शादी के बाद दिमाग से जुड़ी बीमारी डिमेंशिया का खतरा बढ़ सकता है।
दिमाग पर पड़ सकता है असर
डॉक्टर अविनाश कुलकर्णी के मुताबिक हर रिश्ते का अपना इमोशनल इकोसिस्टम होता है। हालांकि, ऐसा जरूरी नहीं है कि सिर्फ शादी ही डिमेंशिया का एकलौता रिस्क फैक्टर हो, दिमाग से जुड़ी इस बीमारी के कई कारण हो सकते हैं। भारत में, शादीशुदा महिलाओं में डिमेंशिया ज्यादा कॉमन है, वो महिलाएं जो अपनी पर्सनल ग्रोथ और करियर को छोड़कर सिर्फ परिवार की देखभाल करने में लगी रहती हैं।
वजह समझने की कोशिश करें
अगर लोग शादी के बाद इमोशनली संतुष्ट नहीं हो पाते हैं तो उनकी मेंटल हेल्थ बुरी तरह से प्रभावित हो सकती है। वहीं, अगर शादी के बाद दोनों ही पार्टनर्स एक दूसरे के साथ तालमेल बिठाकर चलते हैं, तो उनकी मेंटल हेल्थ पर पॉजिटिव असर पड़ सकता है। कुल मिलाकर दिमाग की सेहत को मजबूत बनाए रखने के लिए कंपैटिबल पार्टनर के साथ रिश्ता होना बेहद जरूर होता है।
गौर करने वाली बात
खराब लाइफस्टाइल और अनहेल्दी डाइट प्लान जैसे फैक्टर्स भी दिमाग की सेहत को बुरी तरह से प्रभावित कर सकते हैं। डिमेंशिया के खतरे को कम करने के लिए और दिमाग की सेहत को मजबूत बनाए रखने के लिए आपको अपने लाइफस्टाइल को सुधारने की कोशिश में जुट जाना चाहिए। इसके अलावा किसी भी बात का जरूरत से ज्यादा स्ट्रेस लेना भी डिमेंशिया के मुख्य कारणों में से एक हो सकता है।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।