
Peanut butter powder: अमरेली के किसान पुत्र पूजनभाई ने एशिया का पहला पीनट बटर पाउडर बनाया. 250 बार असफल होने के बाद मिली सफलता. अब उनका यह हाई-प्रोटीन पाउडर देश-विदेश में बिक रहा है और कई लोगों को मिला रोजगार.

गुजरात के अमरेली शहर से निकली एक नई सोच ने न सिर्फ राज्य में बल्कि पूरे देश में कारोबार की एक नई राह खोली है. अमरेली जिले के किसान के बेटे पूजन जयंतीभाई कछड़िया ने मूंगफली से पीनट बटर पाउडर बनाने का अनोखा प्रयोग किया और उसे हकीकत में बदल दिया. एशिया में पहली बार इस तरह का पाउडर बनाकर उन्होंने साबित कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हों तो गांव-शहर का फर्क नहीं पड़ता.
पढ़ाई के बाद सरकारी नौकरी नहीं, चुनी बिज़नेस की राह
पूजनभाई ने मास्टर डिग्री तक की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्होंने पहले सरकारी नौकरी की तैयारी शुरू की. लेकिन कुछ समय बाद उनके मन में एक विचार आया—क्यों न अमरेली में रहते हुए कोई ऐसा काम किया जाए, जो देशभर में मिसाल बन जाए. इसी सोच ने उन्हें व्यापार की ओर मोड़ा और उन्होंने अलग-अलग वेबसाइटों और व्यापारिक जगहों पर रिसर्च शुरू की.
भारत में जो नहीं बना, उसे बनाने की ठानी
पूजनभाई ने बताया कि वो कुछ ऐसा बनाना चाहते थे जो आज तक भारत में कोई न बनाता हो. रिसर्च के दौरान उन्हें पता चला कि पीनट बटर पाउडर सिर्फ अमेरिका की दो कंपनियां बनाती हैं और भारत में इसका कोई निर्माण नहीं हो रहा है. बस यहीं से उन्हें अपना रास्ता मिल गया. उन्होंने मूंगफली का गहराई से अध्ययन किया और तय किया कि अमरेली की उपज का सही इस्तेमाल करते हुए वे पीनट बटर पाउडर बनाएंगे.
250 बार फेल हुए, फिर मिली कामयाबी
पूजनभाई ने बताया कि इस पाउडर को बनाने की कोशिश में उन्हें 249 बार नाकामी हाथ लगी. हर बार टेस्टिंग में कुछ न कुछ कमी रह जाती थी. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आखिरकार 250वीं बार में सफलता हासिल कर ली. अमरेली की मशहूर फसल मूंगफली से बने इस पाउडर को अब देश-विदेश में पसंद किया जा रहा है.
सिर्फ स्वाद नहीं, सेहत का भी खजाना है ये पाउडर
दूध से बने मक्खन में जहां सिर्फ 10-12% प्रोटीन होता है, वहीं मूंगफली के इस पाउडर में 50% तक प्रोटीन है. यही कारण है कि अब डॉक्टर भी इसे खाने की सलाह देने लगे हैं. पूजनभाई बताते हैं कि रोजाना करीब 400 किलो मूंगफली पीसकर 180 किलो पाउडर तैयार किया जाता है. ये पाउडर तीन स्वादों में मिलता है और ग्राहक इसे हाथों-हाथ खरीदते हैं.
अच्छा मुनाफा, लोगों को मिला रोजगार
पूजनभाई के मुताबिक इस बिज़नेस से उन्हें रोजाना लगभग 8 से 10% मुनाफा होता है और बिक्री 40 हजार रुपये तक पहुंचती है. इस काम में उन्होंने 15 से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया है. फैक्ट्री में 2 करोड़ रुपये से अधिक की मशीनें लगी हैं. खुद पूजनभाई ने अलग-अलग देशों में जाकर ट्रेनिंग और गाइडेंस लिया और फिर अपने शहर में इस परियोजना की शुरुआत की.