
भारत ने पाकिस्तान से किसी भी तीसरे देश के जरिए सामान आने पर रोक लगा दी है, जिससे पाकिस्तान को 4200 करोड़ रुपये का नुकसान होगा. पुलवामा हमले के बाद से दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण हैं.

- भारत ने पाकिस्तान से तीसरे देश के जरिए सामान आने पर रोक लगाई.
- इस फैसले से पाकिस्तान को 4200 करोड़ रुपये का नुकसान होगा.
- पुलवामा हमले के बाद से भारत-पाकिस्तान रिश्ते तनावपूर्ण हैं.
नई दिल्ली. पाकिस्तान में चल रही आतंकी गतिविधियों और हाल ही में हुए घातक हमलों के बाद भारत सरकार ने एक बड़ा और सख्त फैसला लिया है. अब पाकिस्तान से सीधे नहीं, बल्कि किसी भी तीसरे देश के जरिए भी कोई सामान भारत में नहीं आ सकेगा. यानी अगर पाकिस्तान का कोई माल दुबई, सिंगापुर या श्रीलंका जैसे देशों से होकर भी भारत में आ रहा था, तो अब उस पर भी पूरी तरह रोक लगा दी गई है.
इस फैसले की वजह सिर्फ यह नहीं है कि पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते तनाव में हैं, बल्कि यह भी देखा गया कि जिन प्रोडक्ट्स को पहले ही बैन किया गया था, वे दूसरे देशों के रास्ते ‘पैकेजिंग बदलकर’ भारत पहुंच रहे थे. अब सरकार ने साफ कहा है कि ऐसा नहीं चलेगा. इस फैसले से पाकिस्तान को 50 करोड़ डॉलर या 4200 करोड़ रुपये की चपत लग सकती है. यह पैसा पाकिस्तान को भारत में इन-डायरेक्ट रूट से सामान भेजने की वजह से प्राप्त होता था.
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क्या-क्या आता था पाकिस्तान से घुमा-फिराकर?
हाल के वर्षों में पाकिस्तान से सीधा व्यापार तो लगभग बंद हो गया था, लेकिन कुछ सामान अब भी तीसरे देशों के जरिए आ रहा था. जैसे: पाकिस्तान में पैक हुआ ड्राय फ्रूट या खजूर पहले दुबई भेजा जाता था, वहां से पैकेज बदलकर भारत आ जाता था. इसी तरह सिंगापुर या इंडोनेशिया के जरिए केमिकल्स, सीमेंट और चमड़ा भारत पहुंचता था. सरकार का मानना है कि ये बाईपास रास्ते सिर्फ कारोबार के नहीं थे, बल्कि कहीं न कहीं पाकिस्तान को फाइनेंशियल मदद देने वाले भी साबित हो रहे थे. इसलिए अब इस loophole को पूरी तरह बंद किया गया है.
इसका असर क्या होगा?
इस फैसले से पाकिस्तान से आने वाला लगभग हर तरह का सामान बंद हो जाएगा, भले ही उस पर किसी और देश का टैग लगा हो. अब हर कंटेनर की जांच में यह देखा जाएगा कि सामान असली में कहां से आया है. इससे कस्टम डिपार्टमेंट को भी एकदम क्लियर गाइडलाइन मिलेगी और कोई भ्रम नहीं रहेगा.
पुलवामा के बाद से रिश्ते बिगड़े
2019 के पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ (MFN) का दर्जा वापस ले लिया था और इंपोर्ट ड्यूटी 200% तक बढ़ा दी थी. तभी से व्यापार लगातार गिरता चला गया. इस साल अप्रैल से जनवरी के बीच भारत ने सिर्फ ₹4 लाख डॉलर का माल पाकिस्तान से खरीदा, जबकि पिछले साल ये आंकड़ा ₹28 लाख डॉलर था.