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पूर्व विधायक और राज्यमंत्री रहीं डॉ गिरिजा व्यास 31 मार्च को गणगौर पूजा के दौरान दुपट्टे में आग लगने की वजह से 90% तक जल गईं थीं। पहले उन्हें उदयपुर के हॉस्पिटल में इलाज किया गया फिर अहमदाबाद रेफर किया गया था। जहां 1 मई को उनका निधन हो गया।
डॉ. गिरिजा व्यास का जन्म 8 जुलाई 1946 नाथद्वारा, राजस्थान में हुआ था। गिरिजा के पिता एक स्वतंत्रता सेनानी थे और उनकी मां टीचर थीं। उनकी मां चाहती थीं गिरिजा डॉक्टर बनें लेकिन वो डॉक्टर बनीं तो लेकिन फिलॉसफी पढ़कर। हालांकि, गिरिजा बचपन में डांसर बनना चाहती थीं और उन्होंने 15 साल शास्त्रीय संगीत और कथक भी सीखा था।

कांग्रेस संदेश पत्रिका में एडिटर इन चीफ रहीं
कांग्रेस संदेश पत्रिका में एडिटर इन चीफ के तौर पर भी काम किया। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में कई बड़े फैसले दिए और महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़े कदम उठाए और स्ट्रीट वेंडर के लिए कानून बनाने की पहल की।

वह भारतीय राजनीति में प्रमुख महिला चेहरों में से एक रही हैं, विशेष रूप से महिलाओं और हाशिए पर पड़े समुदायों से संबंधित मुद्दों से जुड़ी हुई हैं। महिला कल्याण से संबंधित कानून और सुधार लाने पर बड़े पैमाने पर काम किया।
राजनीति के बाद भी कविता में सक्रिय रहीं
गिरिजा एक प्रसिद्ध हिंदी कवि और लेखिका थीं। उन्होंने आठ किताबें लिखीं, जिनमें कई कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं। ज्यादातर महिला सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय जैसे विषयों पर केंद्रित रहीं। उनकी रचनाओं को उनकी भावनात्मक गहराई और सामाजिक प्रासंगिकता के लिए सराहा भी गया है। 2018 में राजनीति से दूर होने के बाद भी वो कविता में सक्रिय बनी रहीं।
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