
Chennai Super Kings का सफर कई मायनों में निराशाजनक रहा. सीएसके प्लेऑफ से बाहर होने वाली पहली टीम बन चुकी है. मेगा ऑक्शन के बावजूद मैनेजमेंट सही टीम नई बना पाया, ये सोचने वाली बात है.

हाइलाइट्स
- चेन्नई सुपरकिंग्स का आईपीएल 2025 में घटिया प्रदर्शन
- 11 में से सिर्फ दो ही मुकाबले जीत पाई चेन्नई सुपरकिंग्स
- धोनी के अलावा खराब फिनिशिंग, कमजोरी बॉलिंग बड़ी वजह
नई दिल्ली: पांच ट्रॉफी के साथ आईपीएल की सबसे सफल टीम में से एक चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) का 2025 का सीजन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा. टूर्नामेंट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब येलो आर्मी लगातार दो सीजन में प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई. इसके पीछे कई कारण रहे, लेकिन तीन बड़े कारण ऐसे हैं, जिनका असर पूरे सीजन पर देखने को मिला.
अस्थिर बल्लेबाजी और पावरप्ले में सुस्त बैटिंग
टी-20 का गेम यानी पावरहिटिंग का खेल. खासतौर पर शुरुआती छह ओवर्स यानी पावरप्ले जब फील्डिर्स सर्कल के अंदर होते हैं तो बड़े शॉट्स खेले जाने चाहिए, लेकिन इस सीजन में CSK की बल्लेबाजी शुरुआत से ही संघर्ष करती नजर आई. पावरप्ले ओवर्स में टीम को अच्छी शुरुआत नहीं मिल पाई, जिससे मिडिल ऑर्डर पर दबाव बढ़ गया. ओपनिंग जोड़ी में निरंतरता नहीं रही. कभी रचिन रविंद्र, कभी डेवोन कॉनवे तो कभी अन्य विकल्प आजमाए गए. ऐसे बदलावों ने टीम संयोजन को नुकसान पहुंचाया.
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गेंदबाजी में धार की कमी
CSK की गेंदबाजी खासतौर पर डेथ ओवर्स में टीम अपेक्षानुसार प्रदर्शन नहीं कर पाई. टीम को मथीशा पथिराना जैसे गेंदबाजों पर निर्भर रहना पड़ा, उन्हें भी अब बल्लेबाज आसानी से पढ़ लेते हैं. लेकिन जब वे उपलब्ध नहीं रहे तो विकल्प कमजोर साबित हुए. चेपॉक की पिच पर स्पिनर्स ने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन बाहरी मैदानों में गेंदबाजी बेहद साधारण रही. अश्विन को दोबारा खरीदने के बावजूद बेंच पर बिठाया गया. विरोधी बल्लेबाजों ने बड़े स्कोर आसानी से खड़े किए.
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फिनिशिंग की समस्या और धोनी की सीमित भूमिका
मेगा ऑक्शन में इतने विकल्प होने के बावजूद टीम मैनेजमेंट ने धोनी के विकल्पों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया. ऋषभ पंत, ईशान किशन, केएल राहुल जैसे दिग्गजों पर नीलामी में दांव ही नहीं लगाया. टीम के पास शिवम दुबे और रविंद्र जडेजा जैसे फिनिशर्स हैं, जो लगातार फेल रहे. मैच के आखिरी ओवर्स में तेज रन बनाने की कमी टीम को महंगी पड़ी. दूसरी ओर एमएस धोनी की उम्र और सीमित फिटनेस ने उनके क्रीज पर गुजारने वाले समय को छोटा कर दिया.