
Food Shop Mau Uttarpradesh: अगर आप समोसा खाने के शौकीन हैं, तो आज हम आपको मऊ जिले में ऐसी दुकान के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां का समोसा एक बार आपने चख लिया तो आप खाते ही रह जाएंगे.

समोसा
- मऊ में 5 रुपये में मिलता है बड़ा समोसा
- सुग्रीव मद्धेशिया की 50 साल पुरानी दुकान
- समोसे का स्वाद इतना टेस्टी कि लोग लाइन में लगते हैं
मऊ:- देखा जाता है पूर्वांचल में लोग चटपटा खाने के बड़े शौकीन होते हैं. ऐसे में यदि चटपटा खाने का नाम आए और समोसे का नाम ना हो ऐसा कभी हो ही नहीं सकता है. यहां लोग समोसा को काफी पसंद करते हैं, क्योंकि यहां के समोसा का स्वाद अपने आप में एक अलग ही पहचान रखता है और स्वाद की वजह से ही यहां समोसा खाने वालों की लाइन लगी रहती है. ऐसे में यदि आप मऊ जिले से हैं तो भातकोल बाजार में सुग्रीव मद्धेशिया की समोसे का स्वाद आप ले सकते हैं, क्योंकि इनके यहां के समोसे को आपने एक बार खा लिया, तो अन्य जगह का समोसा खाना छोड़ देंगे. तो चलिए जानते हैं कैसे ये समोसा तैयार करते हैं.
दुकानदार ने दी जानकारी
लोकल 18 से बात करते हुए दुकानदार सुग्रीव मद्धेशिया बताते हैं, कि उनकी लगभग 50 साल पुरानी दुकान है. आगे वे कहते हैं, यहां का समोसा काफी फेमस है, हालांकि बाजार में समोसा अब 7 से 10 रुपये पीस बिक रहा है, लेकिन हमारे यहां समोसा आज भी मात्र 5 रुपये में मिलता है. जिसकी खास वजह यह है, कि यह पुरानी दुकान होने की वजह से अपनी पहचान नहीं खोना चाहती है और सुबह से शाम तक समोसा मात्र ₹5 के हिसाब से बिकता रहता है. आगे वे कहते हैं इस समोसे की मांग इतनी है, कि कड़ाई से बाहर आते ही वह आसानी से बिक जाता है. इन गर्मागर्म समोसे का स्वाद इतना टेस्टी होता है कि लोगों को खाते ही मजा आ जाता है.
कैसे बनता है समोसा
सुग्रीव मद्धेशिया ने समोसे कैसे बनते हैं, इसको लेकर बताया, कि यह समोसा एक खास तरीके से बनाया जाता है और इस समोसे में खास मसाले डाले जाते हैं. जिसकी वजह से यह समोसा काफी स्वादिष्ट होता है. आगे वे कहते हैं कि पहले आलू को उबाला जाता है. उसके बाद उसे अच्छे से साफ करके तेल में जीरा व हींग तथा मंगरैला तथा लहसुन डालकर अच्छे से इसे भुना जाता है. भुनने के बाद इसमें मसाला और हल्दी डालकर अच्छे से फ्री किया जाता है फिर शुरू होती है इसे सिंघाड़े के आकार का देने की प्रक्रिया. सिंघाड़े का आकार देकर फिर इस तेल में अच्छे से पकाकर लाल किया जाता है. लाल करने के बाद इसे बाहर निकाला जाता है.