

आरिफ मोहम्मद खान
Aap ki Adalat: बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने पाकिस्तान के रेल मंत्री हनीफ अब्बासी के बयान पर तंज कसते हुए कहा, “अच्छी बात है कि वो गिनती करके रखते हैं कि उनके पास 130 न्यूक्लियर बम हैं…पाकिस्तान में कुछ भी संभव है।”
आरिफ मोहम्मद खान ने रजत शर्मा के शो ‘आप की अदालत’ में एक सवाल के जवाब में यह बात कही। आरिफ मोहम्मद खान से यह पूछा गया कि पाकिस्तान के रेल मंत्री ने दावा किया है कि उनके पास 130 न्यूक्लियर बम हैं। उनके पास जो मिसाइल्स हैं, उनके नाम हैं ग़ौरी, शाहीन, गज़नवी, ये सब अल्लाह की मिसाइलें हैं और इनका रुख भारत की तरफ कर दिया है।
आरिफ मोहम्मद खान: “अच्छी बात है कि वो गिनती करके रखते हैं।”
रजत शर्मा: “क्या रेलवे मंत्री को पता होगा कि कितने न्यूक्लियर बम हैं ?”
आरिफ मोहम्मद खान: “किसी नार्मल हालत में तो नहीं होगा लेकिन पाकिस्तान में सब कुछ संभव है।”
बिहार के राज्यपाल ने कहा, “पाकिस्तान के बड़े बुद्धिजीवी हैं, उन्होंने कहा कि ये गौरी और गज़नवी तुम्हारे रिश्तेदार थे क्या? ये मैं नहीं कह रहा हूं, उन्होंने कहा कि उन दोनों ने जितनी मार औरों पर लगाई, उतनी मार हम पर भी लगाई। उन्होंने पंजाब के कुछ नाम लिये और कहा उनके नाम पर मिसाइलों के नाम रख दिये होते । तुम अपने आप को उन जगहों से जोड़ते हो जिनसे तुम्हारा कोई दूर-दूर का ताल्लुक नहीं है।”
इस शो में ‘जज’ के रूप में मौजूद पूर्व भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल (रि.) आर. के. भदौरिया ने कहा, “पाकिस्तान के पास न्यूक्लियर क्षमता है, लेकिन छोटी सी भी घटना होती है, जब पाकिस्तान पर खतरा होता है, तो सीधे न्यक्लियर पर पहुंचते हैं। तो उनकी maturity level, responsibility और responsible state as a nuclear power बहुत कम है। पूरी दुनिया को देखना चाहिए कि छोटी सी बात पर भी वे बोलते हैं कि हमारे पास न्यूक्लियर हथियार है। तो इनको जिनता भी कम सुनें, उतना ही अच्छा है।”
पूर्व वायुसेना प्रमुख ने कहा, “आने वाले समय में जो भी एक्शन्स होंगे, वो ऐसे होंगे जिनकी कल्पना नहीं की जा सकती। अभी तक जो एक्श्न्स लिये वो एक certain level के थे, इस बार different होगा, बहुत ज्यादा होगा, बहुत ज्यादा areas में होगा, politically isolate होंगे, economically, financially एक्शन्स लिए जा चुके हैं, और military actions की मैं बात नहीं करना चाहता, पर वो ज़रूर होंगे।”
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, “पाकिस्तान को अतीत से सबक सीखना चाहिए। 1965 की लड़ाई के दौरान पाकिस्तानी सेना प्रमुख दिल्ली में चाय पीने का सपना देख रहे थे। हमारे तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने जवाब दिया कि हम अयूब खान को दिल्ली पहुंचने के लिए परेशान नहीं करना चाहेंगे, इसके बजाय हम चाय पीने के लिए लाहौर जाएंगे। और हम लगभग वहां पहुंच गए थे। लेकिन बाद में हम पीछे हट गए। 1971 की लड़ाई में उन्होंने अपना पूर्वी हिस्सा पूरी तरह से खो दिया, फिर भी पाकिस्तान ने कोई सबक नहीं सीखा।”
बिहार के राज्यपाल ने कहा, “पाकिस्तानियों को याद रखना चाहिए कि उनका देश नफरत, विभाजन और लगभग 1 लाख लोगों की मौत से पैदा हुआ है। यहां तक कि पवित्र कुरान भी कहता है कि अगर आप किसी देश को नफरत से बांटते हैं, तो आपको उसकी उचित सज़ा मिलेगी।”