
शत्रघ्न सिन्हा ने अपने करियर की शुरूआत साल 1969 में फिल्म ‘प्यार ही प्यार’ से की थी. इस फिल्म में उन्होंने विलेन का किरदार निभाकर अपनी अलग पहचान बनाई थी. उस वक्त तो न मेकर्स और न ही खुद शॉटगन ये बात जानते थे कि आने वाले समय में देवानंद, दिलीप कुमार, राजेश खन्ना, धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन जैसे सुपरस्टार्स को टक्कर देंगे. खासतौर पर अमिताभ के साथ तो एक समय में उनकी बहुत अच्छी दोस्ती भी हुआ करती थी.
जब नरगिस को लिखा था शॉटगन ने फैन बनकर खत
शत्रुघ्न सिन्हा ने इंड्स्ट्री में हर तरह के रोल निभाकर अपनी अलग जगह बनाई. उन्होंने उस दौर में हर बड़े स्टार्स संग ना सिर्फ काम किया, बल्कि तगड़ी टक्कर भी दी. अपने हीरो और विलेन के किरदारों के जरिए शत्रुघ्न सिन्हा ने बॉलीवुड में लंबे समय तक राज किया है. लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब वह फैन की तरह नरगिस को खत लिखा करते थे.शो पर उन्होंने खुद खुलासा किया था कि वह फिल्मों में आने से पहले वो बॉलीवुड की दिग्गज अदाकारा नरगिस के फैन थे. उनके नाम वह फैन लेटर भी लिखा करते थे.
अमिताभ-धर्मेंद्र-जितेंद्र संग दी कई हिट
शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने करियर में अमिताभ बच्चन के साथ बॉम्बे टू गोवा (1972), सफल; गाने भी लोकप्रिय हुए.रास्ते का पत्थर (1972),कालापत्थर (1979, दोस्ताना (1980), शान (1980), नसीब (1981) और धर्मेंद्र के साथ ब्लैकमेल (1973),दोस्त (1974), आग ही आग (1987), लोहे (1987), इंसानियत के दुश्मन (1987) और जितेंद्र होशियार (1985) , खुदगर्ज (1987) जैसी फिल्मों में काम किया था.
कालीचरण से मिली थी करियर को नई दिशा
मुमताज संग तो उन्होंने करियर की शुरुआत में साल 1970 में आई फिल्म ‘खिलौना’ में भी काम किया था. ये उनके करियर की शानदार फिल्मों में से एक है. इस फिल्म में भले ही वह मुमताज के हीरो नहीं थे. लेकिन इस फिल्म में भी अपने काम से उन्होंने खूब नाम कमाया था. संजीव कुमार और मुमताज की इस फिल्म ने उस दौर में सफलता के झंडे गाड़ दिए थे. इस फिल्म में उन्हें काम भी उनकी दोस्त मुमताज की वजह से ही मिला था.