
Buying Home vs Rent: अक्सर लोग सोचते हैं कि घर खरीदना सही है या किराये पर लेना. आज हम इस खबर के जरिए आपकी इस उलझन को थोड़ा आसान बनाने की कोशिश करेंगे.

- घर खरीदने से पहले अपनी जरूरतों को समझें.
- करियर की शुरुआत में किराये पर रहना बेहतर हो सकता है.
- ईएमआई किराए से लगभग तीन गुना या ज्यादा होती है.
Buying Home vs Rent: एक घर होना इंसान की सबसे पहली जरूरतों में से एक है. हर कोई चाहता है कि उसके सिर पर जल्दी से जल्दी अपनी एक छत हो. जब हम काम करना शुरू करते हैं, तो माता-पिता और रिश्तेदारों का दबाव होता है कि घर खरीदो. उन्हें लगता है कि बच्चे अपनी कमाई फिजूल खर्च कर देते हैं, इसलिए वे चाहते हैं कि उनकी कमाई का सही इस्तेमाल हो. उनके हिसाब से सबसे अच्छा तरीका है कि लोन लेकर घर खरीदो और ईएमआई भरकर अपनी सेविंग्स का सही इस्तेमाल कर सकता है. अक्सर लोग सोचते हैं कि घर खरीदना सही है या किराये पर लेना. आज हम इस खबर के जरिए आपकी इस उलझन को थोड़ा आसान बनाने की कोशिश करेंगे.
क्या रेंट और ईएमआई बराबर होते हैं?
अक्सर लोग सोचते हैं कि जितना किराया देते हैं, उतनी ही ईएमआई भरकर अपना घर ले सकते हैं. लेकिन यह सही नहीं है. असल में, ईएमआई किराए से लगभग तीन गुना या उससे ज्यादा होती है. इसलिए हर कोई आसानी से किराए की जगह ईएमआई देकर घर नहीं खरीद सकता, जब तक कि उसकी आमदनी काफी अच्छी न हो.
करियर की शुरुआत में किराये पर रहना बेहतर
हमें यह समझना चाहिए कि घर एक ऐसी जगह होनी चाहिए जहां हम आराम से रह सकें. अगर जल्दबाजी में या दबाव में आकर घर खरीदना पड़े, तो हो सकता है कि हमें ऐसा घर लेना पड़े जो हमारी जरूरतों के हिसाब से न हो जैसे मनचाही जगह पर न होना, कमरे छोटे होना, ऑफिस से बहुत दूर होना आदि. इसलिए, करियर की शुरुआत में किराये के घर में रहना कई लोगों के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है.
बहुत से लोग इस बात से संतुष्ट रहते हैं कि उनके सिर पर अपनी छत है, भले ही असल में लोन पूरा होने तक वह घर बैंक का ही होता है. कई लोग छोटे शहरों में सस्ता घर इसलिए खरीदते हैं ताकि उनके पास कम से कम कहीं तो अपना एक घर होय वे सोचते हैं कि अगर कभी नौकरी चली गई, तो उनके पास रहने के लिए एक जगह तो होगी. कुछ लोग यह सोचकर छोटा घर खरीदते हैं कि अभी छोटा घर ले लेते हैं और बाद में उसे बेचकर बड़ा घर खरीद लेंगे.
फैसला लेने से पहले अपनी जरूरतों को समझें
घर खरीदने से पहले यह समझना बहुत जरूरी है कि क्या परिवार ने एक जगह टिककर रहने का मन बना लिया है. करियर के दौरान हो सकता है कि किसी को दूसरी सिटी या देश में नौकरी का ऑफर मिल जाए या खुद नई नौकरी ढूंढनी पड़े. ऐसे में, अगर पहले से घर खरीद लिया होगा, तो नई जगह किराए का घर भी लेना पड़ेगा. इस तरह ईएमआई और किराया दोनों देना पड़ सकता है. भले ही पुराना घर किराए पर चढ़ा दें, पर उसका किराया आमतौर पर ईएमआई से कम ही होता है. इसलिए, जब तक करियर और जगह को लेकर पक्का प्लान न बन जाए, तब तक इंतजार करना समझदारी होगी. कुल मिलाकर, घर खरीदने का फैसला बहुत सोच-समझकर लेना चाहिए, क्योंकि यह एक बड़ा निवेश है, इसमें काफी पैसे लगते हैं और जरूरत पड़ने पर इसे तुरंत बेचना भी आसान नहीं होता.