
Heart Rate Warning Sign: दिल हमारे शरीर का बेहद नाजुक, लेकिन अहम अंग है. जब तक यह धड़कता है, हम जिंदा हैं मतलब दिल की धड़कन इंसान के जिंदा होने का सबूत है. जब तक यह नॉर्मल धड़कता रहता है, तब तक तो ठीक लेकिन जब अचानक से धड़कन बढ़ जाए तो खतरे की घंटी बज सकती है.
डॉक्टर्स कहते हैं कि अगर हार्ट रेट (Heart Rate) तय लिमिट से ज्यादा हो जाए, तो ये सीधे हार्ट अटैक (Heart Attack) का संकेत हो सकता है. ऐसे में जान बचा पाना मुश्कल हो सकता है. जानिए कितना हार्ट रेट नॉर्मल होता है, किस लिमिट से ऊपर होते ही अलर्ट हो जाना चाहिए और कैसे खुद को इस खतरे से बचा सकते हैं…
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हार्ट रेट कितना नॉर्मल होना चाहिए
एक सामान्य वयस्क का हार्ट रेट 60 से 100 बीट प्रति मिनट (BPM) होता है. 100 BPM से ऊपर जाने पर इसे ‘Tachycardia’ यानी असामान्य तेज़ धड़कन कहा जाता है. लगातार ज्यादा हार्ट रेट हार्ट पर दबाव डालता है और ब्लड सप्लाई में गड़बड़ी पैदा करता है.
हार्ट रेट को कब समझें खतरे का सिग्नल
डॉक्टर्स के मुताबिक, अगर हार्ट रेट 120 BPM या उससे ज्यादा हो जाए और आप आराम की स्थिति में हों, तो तुरंत अलर्ट हो जाइए. इसके साथ में अगर चक्कर, सांस फूलना, सीने में दर्द, बेचैनी या पसीना आने जैसी समस्याएं हो रही है तो ये सीधा हार्ट अटैक का अलार्म साइन हो सकता है. मोबाइल फिटनेस बैंड या स्मार्टवॉच से रियल टाइम हार्ट रेट चेक कर सकते हैं.
खुद को कैसे बचाएं
1. गहरी सांस लें और रुकें. सांस को गिनकर लें और छोड़ें, ये दिल की धड़कन को सामान्य कर सकता है.
2. ठंडा पानी पिएं. इससे शरीर का टेंपरेचर और हार्ट रेट कंट्रोल में आ सकता है.
3. हार्ट रेट बढ़ने का सबसे बड़ा कारण तनाव है. इससे बचने के लिए योग और मेडिटेशन करें.
4. कैफीन या एनर्जी ड्रिंक से बचें, ये दिल की रफ्तार बढ़ाते हैं.
5. अगर लगातार तेज धड़कन बनी हुई है, तो बिना देरी किए मेडिकल जांच करवाएं, डॉक्टर से संपर्क करें.
6. रोजाना सुबह 5 मिनट का डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें, इससे हार्ट हेल्थ को बेहतर होगी.
7. रेगुलर ECG और ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग से दिल की स्थिति का अंदाज़ा लगाते रहें.
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