
पुंडरिक गोस्वामी ने पहलगाम आतंकी हमले पर कहा कि कश्मीरियों को दुख है तो वहां हनुमान जी का मंदिर बनाएं. 22 अप्रैल को हुए हमले में 27 हिन्दू पर्यटकों की हत्या हुई थी. NIA जांच कर रही है.

हाइलाइट्स
- पुंडरिक गोस्वामी ने पहलगाम हमले पर हनुमान मंदिर बनाने की बात कही.
- 22 अप्रैल को पहलगाम में 27 हिन्दू पर्यटकों की हत्या हुई थी.
- NIA इस आतंकी हमले की जांच कर रही है.
Pundrik Goswami on Pahalgam Terror Attack: कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकियों ने 22 अप्रैल को हुई आतंकी घटना का दर्द अब भी हर भारतीय महसूस कर रहा है. यहां हुए आतंकी हमले में 27 हिन्दू पर्यटकों का धर्म पूछताछ उनकी ही परिवार के सामने मार डाला था. इस घटना से पूरे देश में गुस्सा है. ऐसे में प्रसिद्ध कथवाचक पुंडरिक महाराज का कहना है कि अगर कश्मीरियों को सच में इस घटना का दुख है, सच में वो चाहते हैं कि ये दाग मिट जाएं तो उस जगह पर एक हनुमान जी का मंदिर बना देना चाहिए.
कथावाचक पुंडरिक गोस्वामी ने इस घटना पर बात करते हुए कहा है, ‘हमें नमाज पढ़ने को पूछकर और नाम पूछकर मारा गया है. कश्मीर क रहने वाले सभी मुसलमान, सभी लोग अगर सच में इसके प्रति पीड़ित हैं, सहिष्णु हैं. अगर वह धर्मनिर्पेक्षता पर, सेक्युलरिज्म पर विश्वास रखते हैं तो मेरी उनसे एक विनती है. अगर आप सब धर्मों के हित का विचार करते हैं तो उन सब को मिलकर मरे हुए शहीद लोगों की स्मृति में पहलगाम के उसी बगीचे के पास हनुमान जी का मंदिर बना देना चाहिए. इससे पूरे विश्व में एक संदेश जाएगा और आपके ऊपर लगा कलंक मिट जाएगा.’
पहलगाम में हुई इस घटना पर पुंडरिक महाराज ने पहले भी अपना गुस्सा जगजाहिर किया था. उन्होंने कहा था, ‘मैं तो सरकार से निवेदन करता हूं कि पेंट उतारने वालों की गर्दन उतारनी चाहिए. फिर सेकुलर दुनिया कहती है कि आतंवाद का कोई धर्म नहीं होता. काफिरों को मारने वाला एक धर्म होता है और अगर वह आतंकवादियों का धर्म है तो आतंकवादियों को भी मारने का एक धर्म होना चाहिए, जिसका नाम हिंदू धर्म होना चाहिए.’ वह आगे कहते हैं, ‘लड़की बगल में खड़ी थी और उसके सामने उसे पिता के माथे पर गोली मार दी गई. उसके परिवार के लोग बता रहे थे कि वो ये पूछ रही थी कि ‘यहां गोली लगने के बाद कोई बच सकता है क्या?’ सुदर्शन हो जाइए, बहुत आवश्यकता है. करुणा उसपर दिखानी चाहिए जो करुणा के लायक हो. पर अब धर्म पूछकर दया करेंगे, अब धर्म पूछकर करुणा करेंगे, अब धर्म पूछकर प्रेम करेंगे…’