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आज शुक्रवार को मिथुन राशि और वृष लग्न में सुबह 7 बजे विधि-विधान से विशेष पूजा-अर्चना और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच केदारनाथ मंदिर का मुख्य द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा। कपाट खुलने की पूजा परंपरा ब्रह्म मुहूर्त से शुरू हो जाएगी।
इस तरह होगी कपाट खुलने की रस्म
- सबसे पहले केदारनाथ धाम के उत्तर दिशा का दरवाजा खोला जाएगा। इस वक्त मंदिर के रावल, मुख्य पुजारी, धर्माधिकारी ,वेद पाठी मंदिर के हक हुकुकधारी, स्थानीय तीर्थ पुरोहित और जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहेंगे।
- इसके बाद मुख्य द्वार का पूजन होगा और केदारनाथ धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे। फिर रावल और मुख्य पुजारी मंदिर के गर्भ गृह का ताला खोलेंगे।
- केदारनाथ भगवान के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि से जगाया जाएगा। समाधि में लीन भगवान केदारनाथ पर से पूजन सामग्रियों को हटाया जाएगा।
- महापूजा और रुद्राभिषेक होगा। इसके बाद उत्तर पूजा होगी। फिर केदारनाथ का शृंगार और आरती की जाएगी।
- पूजा-अभिषेक होने के बाद पुजारी गर्भगृह से बाहर आएंगे फिर मुख्य द्वार से श्रद्धालुओं को दर्शन का मौका मिलेगा।

3 मई को भैरव पूजन के बाद शुरू होगी शाम की आरती परंपरा के अनुसार केदारनाथ मंदिर में शाम की आरती की शुरुआत केदारनाथ धाम स्थित भूखंड भैरव की पूजा के बाद होगी। ये पूजा कपाट खुलने के बाद आने वाले पहले मंगलवार या शनिवार को होती है। इस हिसाब से 3 मई को भूखंड भैरव की पूजा होगी। इसके बाद केदारनाथ का शृंगार दर्शन ओर शाम की आरती शुरू होगी। भूखंड भैरव केदारनाथ के क्षेत्रपाल हैं।
कपाट खुलने से पहले 54 तरहे के फूलों से सजा मंदिर, 10 दिन तक ताजा रहते हैं ये फूल मंदिर को सजाने के लिए गुलाब और गेंदा समेत 54 प्रकार के फूलों का इस्तेमाल किया गया है। ये फूल दिल्ली, कश्मीर, पुणे, कोलकाता और पटना के अलावा नेपाल, थाईलैंड और श्रीलंका से लाए गए हैं। गेंदे के फूल खासतौर से कोलकाता के पास गांव से लाए जाते हैं, क्योंकि ये जल्दी मुरझाते नहीं हैं और करीब 10 दिनों तक ताजा रहते हैं।