
बर्ट म्यूलर बेंगलुरु में रहते हैं और अब भारत में पूरी तरह रच-बस गए हैं. बर्ट के अनुसार, भारत एक ऐसा देश है जहां कुछ भी पूर्वानुमानित नहीं होता. हर दिन अलग होता है और यही भारत को खास बनाता है. वे कहते हैं, “अगर आपको एक जैसे दिन उबाऊ लगते हैं तो भारत आपके लिए सबसे उपयुक्त जगह है.”बर्ट 2011 में एक एजुकेशन ट्रिप पर दोस्तों के साथ भारत आए थे. बर्ट को यहां का खाना और लोग इतने पसंद आए की उन्होंने यहीं रहने और बिजनेस करने का फैसला कर लिया.

बर्ट म्यूलर साल 2011 में भारत आए थे.
बैंगलुरु को बनाया घर
बर्ट बैंगलुरु में एक डुप्लेक्स अपार्टमेंट में रहते हैं, जिसमें तीन बेडरूम हैं और इसका किराया एक लाख रुपये से थोड़ा ज्यादा है. अपार्टमेंट में कई फर्नीचर उनके दादा-दादी के हैं, जिससे यह घर उन्हें अमेरिका जैसा महसूस होता है. बर्ट का कहना है कि हर महीने खाने पर उनके 200 डॉलर खर्च होते हैं. कभी-कभी यह बिल 400 डॉलर तक चला जाता है.
भारत में सफल होना है रखना होगा धैर्य
बर्ट का कहना है कि भारत में अगर आपको सफल होना है तो धैर्य रखना होगा. उनका कहना है कि, “भारत में धैर्य रखना जरूरी है. अमेरिका में जो आसान है, वह यहां वक्त लेता है. लेकिन यही भारत की खूबसूरती भी है.” बर्ट के अनुसार, भारत एक असाधारण विकास यात्रा पर है, और इसका हिस्सा बनना उनके लिए सौभाग्य की बात है. यह सिर्फ बिजनेस नहीं, जीवन का अनमोल अनुभव है. बर्ट का कहना है, “मैं यहां रहकर बहुत खुश हूं. मुझे गर्व है कि भारत में रहने का मेरा फैसला बहुत सही साबित हुआ है.”
यहां से आया मेक्सिकन रेस्टोरेंट का आइडिया
बर्ट म्यूलर जब भारत दोस्तों के साथ आए तो वे एक दिन अपनी एक मेक्सिकन दोस्त के यहां गए. उसने उन्हें मेक्सिकन खाना खिलाया, जो बहुत टेस्टी था. उन्होंने देखा कि भारत में मेक्सिन फूड रेस्टोरेंट बहुत ही कम थे. बस यहीं से उन्हें भारत में बिजनेस करने का आइडिया मिल गया. साल 2012 में उन्होंने बैंगलुरु में कैलिफ़ोर्निया बुरिटो का पहला आउटलेट खोला. इस काम के लिए उनके बचपन के दो दोस्त भी साथ हो लिए और उन्होंने 25 हजार डॉलर जुटा पहला आउटलेट खोल दिया.
पहले ही साल 4 करोड़ का बिजनेस
पहले ही साल कैलिफ़ोर्निया बुरिटो ने 4 करोड़ का बिजनेस किया. पिछले साल उनका टर्नओवर 2.3 करोड़ डॉलर (लगभग ₹195 करोड़) रहा. बर्ट का कहना है कि उन्हें अपने बिजनेस से 10 फीसदी शुद्ध बचत होती है. 37% खर्च फूड और पैकिंग पर खर्च होता है तो कुल कमाई का 12% लेबर में चला जाता है. 9% रियल एस्टेट, 4% मार्केटिंग और लगभग 5% कॉर्पोरेट ओवरहेड में लगता है.
भारत में लगाए एवोकाडो के पौधे
भारत में असली मैक्सिकन स्वाद बनाए रखना एक बड़ी चुनौती थी. बर्ट बताते हैं कि भारतीय टमाटर, प्याज और बीन्स का स्वाद अमेरिका से अलग होता है. इसी वजह से 2018 में उन्होंने कैलिफ़ोर्निया से 500 एवोकाडो के पौधे मंगवाकर खुद की खेती शुरू की. हालांकि, कुछ ही महीनों में हाथियों ने उनकी फसल पर हमला किया और 60 पौधे नष्ट कर दिए. उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अब वे कैलिफोर्निया बुरिटो में इस्तेमाल होने वाली फल-सब्जियां खुुद ही उगा रहे हैं.