
Bihar Politics News: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी परिसीमन का विरोध कर रहे हैं.इनका मानना है कि परिसीमन से उनके राज्यों के हितों को नुकसान पहुंच सकता है. वहीं, उपे…और पढ़ें

हाइलाइट्स
- बिहार चुनाव: उपेंद्र कुशवाहा ने परिसीमन मुद्दे पर आंदोलन की घोषणा की है.
- उपेंद्र कुशवाहा के RLM के आंदोलन की शुरुआत 25 मई से शाहबाद से होगी.
- उपेंद्र कुशवाहा का दावा- परिसीमन से बिहार में लोकसभा सीटें 40 से 60 होंगी.
पटना. बिहार विधानसभा चुनाव के पहले तमाम राजनीतिक दल किसी ना किसी मुद्दे को लेकर जनता के बीच जा रहे है और आंदोलन के मुद्दे पर ही वोट भी मांग रहे हैं. एनडीए के एक घटक दल RLM के प्रमुख व राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने भी एक बड़े मुद्दे को उठा जनता के बीच जाकर आंदोलन की घोषणा की है इसी मुद्दे को आधार बना कर बड़ी बड़ी रैलियां करने का ऐलान भी कर दिया है. रालोमो के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने पटना में इस आंदोलन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि परिसीमन यानी डिलिमिटेशन का मुद्दा बेहद बड़ा है और इसको आगामी चुनाव में जोर-शोर से उठाया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर यह होता है तो बिहार को इसका बहुत लाभ होगा. कुशवाहा ने इसके हिसाब-किताब को भी जनता के सामने रखा.
उपेंद्र कुशवाहा ने मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कहा, हमारी पार्टी की बैठक में यह तय हुआ कि डिलिमिटेशन एक बड़ा मुद्दा है जिसको लेकर पिछले 50 वर्षों से कुछ राज्यों का नुकसान हो रहा है. संविधान कहता है कि हर दस वर्ष में जनगणना और इसके अनुसार परिसीमन निर्धारित करना है. शुरू में 30 वर्षों यह व्यवस्था चली भी. लेकिन 1971 के बाद आपातकाल आ गया और देशभर के लोग इसके विरोध में आए. यदि नया परिसीमन हो तो लोकसभा में बिहार से 40 के बदले 60 सांसद चुनकर लोकसभा पहुंचेंगे और ऐसे में विधानसभा में भी संख्या बढ़ जाएगी.
उपेंद्र कुशवाहा ने परिसीमन का हिसाब-किताब समझाया
उपेंद्र कुशवाहा ने आंकड़े के साथ बताया कि औसतन 10 लाख मतदाता मिलकर एक सांसद चुनते हैं, जबकि कई ऐसे लोकसभा क्षेत्र हैं जहां तीस लाख लोग मिलकर एक सांसद चुन रहे हैं.इससे सभी वर्गों का नुकसान हो रहा है.आपातकाल के इस काले धब्बे को दूर करने के लिए हमारी पार्टी किसी भी सीमा तक जाएगी. आज भी एक काला धब्बा है लोकतंत्र पर जिसका नुकसान बिहार सहित कई राज्यों को उठाना पड़ रहा है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बढ़ी हुई आबादी के हिसाब से क्षेत्रों की संख्या नहीं बढ़ाई गई और विकेंद्रीकरण नहीं किया गया है. जनसंख्या के आधार पर चुनाव क्षेत्रों का परिसीमन किया जाए. अगर परिसीमन हुआ तो 60 से ज्यादा लोकसभा सीटें बिहार में हो जाएंगीं और विधानसभा की सीटों की संख्या भी काफी बढ़ जाएगी.
बीजेपी के लोग ही पीएम मोदी और अमित शाह की बात नहीं मानते
रालोमो प्रमुख ने कहा कि हमारी पार्टी संवैधानिक अधिकार परिसीमन सुधार अभियान चलायेगी और इसकी शुरुआत 25 मई से शाहबाद से होगी. यहां पार्टी की रैली विक्रमगंज में और 8 जून को मुजफ्फरपुर में होगी. शाहाबाद हमने इसलिये चुना है क्योंकि 2024 लोकसभा चुनाव में शाहबाद, मगध में एनडीए हारा था, या यूं कहिए कि एक तरह से एनडीए के नेताओं ने ही एनडीए को हरवाया. विपक्ष को मौका दिया. कुछ लोगों ने पीएम और गृहमंत्री की बात नहीं मानी जिससे विपक्ष को फायदा हुआ. विपक्ष इतना मजबूत नहीं था, लेकिन कुछ लोगों ने पीएम और गृहमंत्री की बात को दरकिनार किया और एनडीए को वोट बंट गया. विधानसभा चुनाव में ऐसा नहीं होना चाहिए नहीं तो एनडीए का नुकसान हो जाएगा.
शाहाबाद से कार्यक्रम शुरू करने का खास मकसद
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जो लोग पीएम मोदी और अमित शाह बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आदेशों की पालन नहीं कर रहे हैं वे कभी भी बीजेपी के सदस्य नहीं हो सकते.बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के आदेशों का उल्लंघन कुछ नेताओं ने किया है. शाहाबाद से कार्यक्रम शुरू करने का खास मकसद, दांव पेंच की गंदी राजनीति में लोकसभा चुनाव में पूरा इलाका साफ हो गया, शाहाबाद और इससे सटे इलाके के लोग सब बात जानते हैं और स्थानीय लोग वाकिफ हैं कि कौन है षडयंत्र के पीछे. इस बार सजग रहना है इसलिए शाहबाद से कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है.