
Success Story: समीर मोहनराव पात्रे ने इंजीनियरिंग के बाद नौकरी छोड़कर अपने सपनों को चुना. परिवार के सहयोग से व्यवसाय शुरू किया और आज दर्जनों लोगों को रोजगार दे रहे हैं.

अमरावती जिले के नांदगांवपेठ इलाके से निकलकर देशभर में एक अलग पहचान बनाने वाले समीर मोहनराव पात्रे की कहानी सिर्फ उनकी कामयाबी की नहीं है, बल्कि ये एक ऐसे इंसान की कहानी है जिसने हिम्मत, परिवार का साथ और अपने मेहनत के बल पर नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया. उनके इस सफर में हर युवा के लिए सीख छिपी है कि अगर मन में सच्ची लगन हो तो कोई भी मंजिल दूर नहीं.
अच्छी नौकरी छोड़कर अपनाया बिज़नेस का रास्ता
समीर बचपन से ही पढ़ाई में अच्छे थे. उनके पिता एक शिक्षक थे, और उन्होंने हमेशा समीर को मेहनत और ईमानदारी का रास्ता दिखाया. इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद समीर को एक बड़ी कंपनी में अच्छी सैलरी वाली नौकरी मिली, लेकिन उनका मन कहीं और था. उन्हें महसूस हुआ कि अगर वह अपनी मेहनत और समय किसी और की कंपनी के लिए दे रहे हैं, तो क्यों न वो अपने लिए कुछ करें? यहीं से उन्होंने ठान लिया कि अब वह खुद का व्यवसाय शुरू करेंगे.
परिवार ने बेचा मकान, बढ़ाया बेटे का हौसला
जब समीर ने अपने इस फैसले के बारे में परिवार से बात की, तो पूरा परिवार उनके साथ खड़ा हो गया. उनके पिता, मां, पत्नी और भाई – सबने अपने हिस्से का योगदान दिया. यहाँ तक कि मकान तक बेच दिया ताकि समीर का सपना साकार हो सके. इसके बाद उन्होंने इंदौर में एक बंद पड़ी कंपनी को खरीदकर बिज़नेस की शुरुआत की. रास्ते में कई परेशानियां आईं, लेकिन समीर ने कभी हार नहीं मानी. साल 2017 में उन्होंने अमरावती के नांदगांवपेठ एमआईडीसी में अपनी खुद की यूनिट शुरू की, जिसमें ‘बेयरिंग केसिंग पाइप्स’ का निर्माण शुरू हुआ.
एक नहीं, कई लोगों के सपनों को मिला सहारा
समीर ने न सिर्फ खुद को सफल बनाया, बल्कि उन्होंने कई बेरोजगार युवाओं को भी रोजगार दिया. आज उनकी कंपनी में 30 से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं, जिनमें 8 महिलाएं भी शामिल हैं. समीर की सफलता की खास बात ये है कि उनके परिवार का हर सदस्य बिज़नेस का अहम हिस्सा है. सबने अपनी-अपनी जिम्मेदारियां संभाली हैं और इस सपने को मिलकर पूरा किया है.
युवाओं के लिए प्रेरणा और सलाह
समीर का मानना है कि अगर कोई व्यक्ति मेहनत करता है और अपने फैसले पर अडिग रहता है, तो असफलता सिर्फ एक पड़ाव होती है, असली मंजिल तो सफलता होती है. वह युवाओं को सलाह देते हैं कि अगर आपके पास कोई सपना है तो उसे पूरा करने का साहस रखें, मेहनत करें और सबसे जरूरी – अपने परिवार पर भरोसा रखें.